25 एमपी एकसाथ जाकर प्रधानमंत्री जी से निवेदन करें कि प्रदेशवासियों की और 13 जिलों की मांग है कि आप जो कहकर आए थे जयपुर-अजमेर के अंदर उसके अकॉर्डिंग टू हमें समय रहते हुए इसको राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि 25 एमपी जाकर मिलेंगे तो क्या प्रधानमंत्री जी मना करेंगे इनको? ये क्यों नहीं मिल रहे हैं?
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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईआरसीपी को लेकर एक बार फिर भाजपा को सवालों के कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी के लिए 25 सांसद पीएम से जाकर मिलें तो वो मना नहीं कर पाएंगे, लेकिन सवाल यह है कि ये क्यों नहीं मिल रहे हैं.
ईआरसीपी पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में मीडिया से कहा कि हम ईआरसीपी पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते क्योंकि केंद्र सरकार उनके पास में है, राज्य सरकार कांग्रेस की है यहां पर, अगर सब मिलकर कोई काम करेंगे, तो काम समयबद्ध पूरा होगा. हमारी रुचि समयबद्ध ईआरसीपी पूरी होने में है, एक दिन की देरी भी क्यों हो. सिंचाई की सुविधाएं हैं, पीने के पानी की सुविधाएं हैं, हम चाहेंगे कि समय पर ये योजना पूरी हो.
अब अगर केंद्र बहानेबाजी कर रही है, अटका रही है 75 में, 50 में, उनमें कोई दम नहीं है, हमने सब दिखवा लिया है. बड़ी बात है कि वसुंधराजी के वक्त में जो योजना बनी, श्रीराम वेदिरे उस वक्त यहां एडवाइजर थे, उनकी देखरेख में ही डीपीआर बनी है. अब वो श्रीराम वेदिरे जल संसाधन मंत्रालय के एडवाजर हैं, तो उसके बावजूद भी क्यों ये विवाद खड़ा किया जा रहा है, यह समझ से परे है ?
पीएम का वादा नहीं तो भी हमारी मांग रहती - सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि क्यों नहीं सरकार आगे आकर ये घोषणा करती है कि प्रधानमंत्रीजी ने जो वादा किया है वो निभाएंगे. मान लो अगर प्रधानमंत्री जी वादा नहीं भी करते, तब भी हमारी मांग कायम रहती. हम मांग करते कि इतनी बड़ी योजना को केंद्र सरकार को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए, तब भी हम कर सकते थे. यहां तो 2 बार वादा करके गए हैं प्रधानमंत्री जी, उस वादे को निभाने में क्या तकलीफ है?
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25 एमपी एकसाथ जाकर प्रधानमंत्री जी से निवेदन करें
मंत्रीजी को चाहिए कि तमाम काम छोड़कर 25 एमपी एकसाथ जाकर प्रधानमंत्री जी से निवेदन करें कि प्रदेशवासियों की और 13 जिलों की मांग है कि आप जो कहकर आए थे जयपुर-अजमेर के अंदर उसके अकॉर्डिंग टू हमें समय रहते हुए इसको राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि 25 एमपी जाकर मिलेंगे तो क्या प्रधानमंत्री जी मना करेंगे इनको? ये क्यों नहीं मिल रहे हैं? इनके पास जवाब कोई है क्या? और यहां मीटिंग्स करके ये यहां योजना बना रहे थे, क्या तुक था उसका? और लोगों को ग़ुमराह करेंगे, हम नहीं चाहते, हम तो चाहते हैं कि योजना समय पर पूरी हो.
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