Bhaumvati Amavasya 2023: भौमवती अमावस्या पर बनने जा रहा दुर्लभ संयोग, करेंगे ये उपाय हर विपत्ति बन जाएगी संपत्ति
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Bhaumvati Amavasya 2023: भौमवती अमावस्या पर बनने जा रहा दुर्लभ संयोग, करेंगे ये उपाय हर विपत्ति बन जाएगी संपत्ति

Bhaumvati Amavasya 2023: भौमवती अमावस्या को ’भौम्य अमावस्या’ भी कहा जाता है. भौमवती अमावस्या के दिन आप पितरों के निमित्त दान करते हैं तो नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं और वे अपने वंश की तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. 

Bhaumvati Amavasya 2023: भौमवती अमावस्या पर बनने जा रहा दुर्लभ संयोग, करेंगे ये उपाय हर विपत्ति बन जाएगी संपत्ति

Bhaumvati Amavasya 2023: हिन्दू सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है. अमावस्या का दिन हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है. यह वह दिन होता है जिस दिन चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता है. अमावस्या के दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाती है. भौमवती अमावस्या का दिन अमावस्या का ही एक दिन होता है जो मंगलवार के दिन होता है. अमावस्या का दिन जब मंगलवार को आता है तो उस अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है. भौमवती अमावस्या को ’भौम्य अमावस्या’ या ’भौमवती अमावस्या’ भी कहा जाता है. मंगलवार के दिन आने के कारण हनुमान जी और मंगल देव की भी पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं.

भौमवती अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त
मंगलवार, 21 मार्च 2023
अमावस्या प्रारंभ : 21 मार्च 2023 को 01 बजकर 47 मिनट पर
अमावस्या समाप्त : 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 53 मिनट पर

 

भौमवती अमावस्या के दिन आप पितरों के निमित्त दान करते हैं तो नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं और वे अपने वंश की तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन गंगा में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है. इस दिन किसी गरीब को मसूर दाल सवा किलो दान करने से आपके जीवन के मंगल दोष का निवारण होगा. मांगलिक लोगों के जीवन में विवाह करने में विलंब होता है. विवाह हो भी जाए तो पति पत्नी के जीवन में कलह देखने को मिलता है. ऐसे में जातक अगर भौमवती अमावस्या का व्रत करे तो इनके जीवन से ये परेशानी खत्म हो जाती है.

अमावस्या तिथि के दिन लोग स्नान-दान और पुण्य आदि धार्मिक कर्मकांड और व्रत-अनुष्ठान आदि करते हैं. जिससे उन्हें पुण्यफल की प्राप्ति होती है. इसके लिए लोग अमावस्या तिथि का बहुत इंतजार भी करते हैं. 

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार के दिन जब चन्द्रमा और सूर्य एक ही राशि या अपने पास वाली राशि में प्रवेश करते है तो उसे भौमवती अमावस्य याग बनता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूर्वजों और पितरों के लिए पूजा की जाती है.

भौमवती अमावस्या का महत्व
भौमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने के बाद दान करने से अक्षय फल मिलता है. यदि गंगा में स्नान नहीं कर सकते है, तो घर पर स्नान करें. स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें और गंगा मां का ध्यान करें. ऐसा करनें से भी अक्षय फल मिलता है. इस दिन दान व जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए.

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भौमवती अमावस्या के दिन क्या करना शुभ होता है 

भौमवती अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस दिन पितरों की शांति के लिए व्रत करना भी शुभ माना जाता है. 
यदि इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं तो वो भी आपके लिए फलदायी होगा. 
इस दिन प्रातः जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें कौर सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पितरों का तर्पण करें.  
गरीबों को उनकी जरूरत की चीजें दान करें.
इस दिन पितरों के नाम का दीपक मुख्य द्वार पर जरूर जलाएं और उनकी शांति की प्रार्थना करें. 
भौमवतीअमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी फलदायी माना जाता है. 

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