Mamta Sharma in BJP's manifesto : राजस्थान में बीजेपी द्वारा जारी संकल्प पत्र में कांग्रेस नेता ममता शर्मा (BJP Manifesto in Mamta Sharma) का भी नाम है. ममता शर्मा करीब 21 दिन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुकी है.
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Mamta Sharma's name in BJP's manifesto : बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना जनसंकल्प घोषणा (BJP Manifesto 2023) पत्र जारी कर दिया. बीजेपी ने इसे पार्टी के लिए आदर्श वाक्य का पवित्र ग्रंथ बताया है. बीजेपी के संकल्प पत्र को तैयार करने में जिन-जिन नेताओं और पदाधिकारियों की भूमिका रही है, उनके नाम पार्टी ने संकल्प पत्र में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे हैं.
पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से जिनको राजस्थान संकल्प पत्र समिति सदस्य के रूप में नाम दिया है उसमें कांग्रेस नेता ममता शर्मा (BJP Manifesto in Mamta Sharma) का भी नाम है. ऐसे में अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या भाजपा के संकल्प पत्र में कांग्रेस नेताओं की भी भूमिका रही है ? क्योंकि ममता शर्मा करीब 21 दिन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुकी है.
गौरतलब है कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र तैयार करने के लिए 17 अगस्त को समिति का गठन किया. समिति में को प्रदेश जन संकल्प पत्र समिति नाम दिया गया. प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से संकल्प पत्र तैयार करने के लिए 25 सदस्य समिति का गठन किया था.
इस समिति के संयोजक केंद्रीय मंत्री अरुण राम मेघवाल और सहसंयोजक में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री एवं पूर्व विधायक अल्का गुर्जर , पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह , पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया , प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार प्रभु लाल सैनी , समिति चेयरमैन नगर निगम ग्रेटर राखी राठौड़ को शामिल किया गया.
वहीं महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा सहित 17 नेताओं को सदस्य बनाया गया था. समिति के गठन के बाद 25 अक्टूबर यानी 21 दिन पहले ममता शर्मा भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गईं, लेकिन आज बीजेपी की ओर से जारी जन संकल्प पत्र में ममता शर्मा का भी नाम शामिल है.
ममता शर्मा का नाम बीजेपी के संकल्प पत्र में आने के बाद अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि यह नाम लिखते वक्त कोई गलती हुई है या वाकई ममता शर्मा के ऐसे महत्वपूर्ण सुझाव इस संकल्प पत्र रहे जिसकी वजह से कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी बीजेपी ने उनका नाम दिया गया है। हालांकि ममता पूर्व में कांग्रेस में थी लेकिन पिछले चुनाव में जब इन्हे कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था तो वो भाजपा में शामिल हो गई थी और पीपल्दा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रही है, उस वक्त ममता शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीणा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। सवाल यह भी उठता है कि क्या 21 दिन पहले ही जनसंकल्प पत्र प्रकाशित हो गया था या फिर जनसंकल्प पत्र प्रकाशित करने के दौरान नेताओं ने ध्यान नहीं दिया ?
इसके अलावा बीजेपी जनसंकल्प घोषणा पत्र समिति में शामिल कई सदस्य विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। स्थानीय मुद्दों को लेकर वोटर्स को साधने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ये लोग अपने चुनाव में ध्यान दे रहे हैं.
ऐसे में चुनावी घोषणा पत्र में कितना ध्यान दे पाए होंगे. समिति के सहसंयोजक डॉ किरोड़ीलाल मीणा, सुभाष महरिया, प्रभुलाल सैनी, चंद्रमोहन मीणा, सदस्य सुशील कटारा आदि चुनाव लड़ रहे हैं. इधर घोषणा पत्र जारी करते समय भी सभी सदस्य मौजूद नहीं थे.