छात्रों के भविष्य को देखते हुए 12वीं बोर्ड परीक्षा होनी चाहिए: डोटासरा
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छात्रों के भविष्य को देखते हुए 12वीं बोर्ड परीक्षा होनी चाहिए: डोटासरा

परीक्षा पैटर्न में बदलाव के 12वीं बोर्ड में भी केवल 3 प्रमुख विषयों की ही परीक्षाएं कराई जाएंगी, जिसके तहत परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न और संक्षिप्त उत्तरात्मक प्रश्न पूछे जाएंगे. 

बैठक में मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सहित शिक्षा अधिकारी भी शामिल हुए.

Jaipur: सीबीएसई 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को लेकर रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मंथन किया गया. बैठक में विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने और अधिकारियों ने अपने विचार रखे. अधिकतर राज्यों की ओर से परीक्षाओं के आयोजन के पक्ष में अपने विचार रखे गए. 

हालांकि, परीक्षा पैटर्न में बदलाव किए जाने को लेकर भी बैठक में कई सुझाव दिए गए. उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षा आयोजित करने के प्रस्तावों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों, शिक्षा सचिवों, राज्य परीक्षा बोर्डों के अध्यक्षों, हितधारकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

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इस बैठक में राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सहित शिक्षा अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी भी मौजूद रहे. बैठक में 12वीं कक्षा की परीक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्तावों पर चर्चा हुई.

परीक्षा पैटर्न में बदलाव के 12वीं बोर्ड में भी केवल 3 प्रमुख विषयों की ही परीक्षाएं कराई जाएंगी, जिसके तहत परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न और संक्षिप्त उत्तरात्मक प्रश्न पूछे जाएंगे. हालांकि, दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए परीक्षा करवाने के विचार से असहमति व्यक्त की है.

बैठक में सीबीएसई ने कहा कि जून के आखिरी हफ्ते में परीक्षा का आयोजन करवा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सभी राज्यों को अपने सुझाव 25 मई तक लिखित में भेजने को कहा है, जिसके बाद 30 मई तक फैसला किया जा सकता है.

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बैठक में अपने सुझाव देते हुए कहा कि कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए ही परीक्षा का कोई फैसला लेना चाहिए क्योंकि वर्तमान में बड़ी संख्या में अब बच्चे भी कोरोना की चपेट में आने लगे हैं. हालांकि, बच्चों के भविष्य को देखते हुए 12वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन होना चाहिए. ऐसे में परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपनी सहमति जताई है.

 

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