पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस की करारी हार के बाद आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने जा रही है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में CWC की बैठक होगी. इसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे.
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जयपुर/ दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस की करारी हार के बाद आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने जा रही है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में CWC की बैठक होगी. इसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच गए हैं.
अशोक गहलोत 12:30 बजे दिल्ली पहुंच गए. एयरोपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के कारणों पर मंथन के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. आज CWC की बैठक में इस मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि भले ही आंकड़ों में कांग्रेस की हार हुई हो, लेकिन जनता के दिल में कांग्रेस हमेशा रहेगी.
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ममता बनर्जी ने सोच समझकर EVM पर सवाल खड़े किए
उत्तर प्रदेश में 1993 में बसपा के साथ कांग्रेस का एलायंस करना भयंकर भूल थी. कांग्रेस उसका खामियाजा आज भी भुगत रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ममता बनर्जी ने कुछ सोच समझकर ही ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव आयोग को इन सवालों का जवाब देना चाहिए. चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है उसकी जिम्मेदारी बनती है कि जनता के सवालों का समाधान करें, लेकिन विडंबना यह है कि चुनाव आयोग के प्रमुख भाजपा के दबाव में है.
गहलोत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता पर अतिक्रमण कर रही है. मीडिया भी सरकार के भारी दबाव में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मायावती और बसपा एक विचारधारा को रिप्रेजेंट करते थे, लेकिन मायावती ने धोखा देकर भाजपा से गठजोड़ कर लिया.
पंजाब में चन्नी दोनों सीटों पर हारे
बता दें कि उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. यहां तक कि पंजाब में तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से हार गए. वहीं, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हरीश रावत अपनी सीट नहीं बचा पाए.
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चुनाव परिणाम आने के बाद G-23 के नेताओं ने की थी बैठक
बता दें कि शुक्रवार की शाम कांग्रेस में G-23 के नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक की थी. बैठक में मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद शामिल हुए थे. इन लोगों ने पार्टी में फूल टाइमर अध्यक्ष की मांग पहले से ही उठाते आ रहे हैं. इस बारे में जी-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा था, लेकिन सोनिया गांधी ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि वह पार्टी की अध्यक्ष हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी सही चल रहा है.
उत्तर प्रदेश में 37 साल बाद बीजेपी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई. बीजेपी ने 273 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया. सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि बीजेपी पड़ोसी राज्य उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाने जा रही है. वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक दिखा. 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पांचों राज्यों में जमकर पसीना बहाया था, लेकिन दोनों को जनता का आशीर्वाद प्राप्त नहीं हुआ.
पांच राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब
उत्तराखंड में कांग्रेस की झोली में सिर्फ 19 सीटें आई, जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत अपनी सीट नहीं बचा पाए. गोवा में पार्टी को 11 सीटों पर संतोष करना पड़ा. कांग्रेस को पंजाब में ना केवल हार का सामना करना पड़ा, बल्कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए. पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. राहुल और प्रियंका के जोरदार चुनाव प्रचार अभियान के बावजूद पार्टी उत्तर प्रदेश में केवल दो सीटें हासिल कर सकी. वहीं, मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस केवल पांच सीटें जीत पाई.