जयपुर: कंपनी को कमीशन फिर भी निगम का खजाना खाली, अब एक्शन की तैयारी
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जयपुर: कंपनी को कमीशन फिर भी निगम का खजाना खाली, अब एक्शन की तैयारी

jaipur nagar nigam heritage and jaipur nagar nigam greater news : राजस्थान के जयपुर में नगर निगम ग्रेटर और नगर निगम हैरिटेज के लिए राजस्व वसूली का काम करने वाली निजी कंपनी स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड वसूली करने में विफल रहा है. ऐसे में सरकार और प्रशासन एक्शन की तैयारी में है.

जयपुर: कंपनी को कमीशन फिर भी निगम का खजाना खाली, अब एक्शन की तैयारी

Jaipur: राजस्थान के जयपुर में निजी कंपनी स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को नगरीय विकास कर वसूली पर 9.95% कमीशन देने के बाद भी निगम ग्रेटर और नगर निगम हैरिटेज का खजाना खाली है. राजस्व वसूली में जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम काफी पीछे है. जबकि नगर निगमों की मांग के अनुपात में करीब 75 फीसदी वसूली का टारगेट तय किया जाता है. इस कंपनी के पास यूडी टैक्स वसूली का काम था. टैक्स वसूलने के बदले उसे कमीशन भी दिया जाता था. यूडी टैक्स वसूली करने वाली निजी कम्पनी स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड अब निगम प्रशासन पर भारी पड़ने लगी है. यही वजह है कि कचरा कंपनी बीवीजी की तरह इस कम्पनी से निगम अब पीछा छुड़ाना चाहता है.

निगम प्रशासन ने जारी किया नोटिस

निगम प्रशासन ने नोटिस जारी कर अनुबंध समाप्त करने की बात कही है. दरअसल कम्पनी ने जब काम संभाला था. उस समय नगरीय विकास कर वसूली के बड़े सपने दिखाए थे. कम्पनी अनुमान के मुताबिक वसूली नहीं कर पा रही है. उसके कर्मचारियों की दुर्व्यवहार की शिकायतों से भी निगम प्रशासन परेशान हो चुका है. सर्वे के नाम पर फर्म के लोग कभी भी आ धमकाते हैं. कंपनी का दावा हैं कि अनुबंध के बाद अब तक ग्रेटर नगर निगम में 96 करोड़ और हैरिटेज नगर निगम में 53 करोड़ रुपए नगरीय विकास कर के वसूल कर चुके हैं. होर्डिंग साइट को छोड़कर विज्ञापन साइट से ग्रेटर निगम में 10.60 करोड़ और हैरिटैज निगम में 6.5 करोड़ रुपए वसूल किए हैं.

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ग्रेटर नगर निगम ने इस साल यूडी टैक्स वसूली का टारगेट 80 करोड़ रूपए से अधिक का रखा है. जबकि वसूली अभी तक करीब साढ़े 18 करोड़ रूपए ही कर पाए है. एक अप्रैल से जुलाई तक निगम प्रशासन ने करीब पौने 17 करोड़ रूपए यूडी टैक्स के वसूल किए है. इनमें हाउस टैक्स में 22 लाख रूपए वसूल कर पाए है. जबकि विज्ञापन शुल्क के रूप में ग्रेटर नगर निगम ने अभी तक एक करोड़ रूपए से अधिक वसूल किए है. निगम ग्रेटर आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया की कम्पनी अनुबंध के मुताबिक काम नहीं कर रही है. सम्पत्तियों के सर्वे की गति बेहद धीमी है. अब तक क्यूआर कोड लगाना शुरू नहीं किए हैं. राजस्व की वसूली भी उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है. इन सभी बिन्दुओं को देखते हुए अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें कि 300 वर्ग गज से बड़े मकानों और जमीनों पर यूडी टैक्स लगाया जाता.

ग्रेटर के किस ज़ोन में कितनी वसूली

मुरलीपुरा - एक करोड़, 68 लाख, 25 हजार, 914 रूपए
विद्याधर नगर - एक करोड़, 34 हजार, 82 रूपए
झोटवाड़ा - 4 करोड़, 15 लाख, 83 हजार, 799 रूपए
मानसरोवर - दो करोड़, 12 लाख, 36 हजार, 297 रूपए
सांगानेर - 93 लाख, 41 हजार, 31 रूपए
जगतपुरा - एक करोड़, 90 लाख, 88 हजार, 397 रूपए
मालवीय नगर - 4 करोड़, 73 लाख, 88 हजार, 448 रूपए

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कंपनी पर उठ रहे गंभीर सवाल

अनुबंध के मुताबिक स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को 3.60 जीओ टैग सर्वे करना था. लेकिन अब तक फर्म 1.35 सम्पत्तियों का ही सर्वे कर पाई है. सर्वे के बाद आरएफआइडी टैग या क्यूआर कोड लगाए जाने थे लेकिन एक भी सम्पत्ति पर ये कोड नहीं लगाया गया. विज्ञापन शुल्क के जारी बिल का एक भी सर्वे फॉर्म जोन उपायुक्त से प्रमाणित नहीं करवाया जा रहा. विज्ञापन बोर्ड (नीलामी साइट्स को छोड़कर) से 30 से 35 करोड़ राजस्व आने की संभावना लेकिन वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह शुल्क 6.70 करोड़ राशि की डिमांड बनाई गई.

निगम हैरिटेज में ज़ोनवार कितनी वसूली

हवामहल-आमेर ज़ोन - 77 लाख, 57 हजार, 844 रूपए
सिविल लाइंस ज़ोन - 4 करोड़, 50 लाख, 58 हजार, 22 रूपए
किशनपोल ज़ोन - एक करोड़ 60 लाख, 73 हजार, 658 रूपए
आदर्श नगर ज़ोन - एक करोड़, 24 लाख, 14 हजार, 255 रूपए

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नगर निगम हैरिटेज में अब तक कितनी वसूली

नगर निगम हैरिटेज की बात करें तो हैरिटेज नगर निगम ने करीब 61 करोड़ रुपए नगरीय विकास कर वसूली का टारगेट तय किया है. लेकिन अभी तक सिर्फ 8 करोड़, 13 लाख रुपए ही यूडी टैक्स के वसूल कर पाए है. वहीं अन्य मदों की बात करें तो हाउस टैक्स में 7 रुपए वसूल किए गए है. विज्ञापन शुल्क के रूप में एक करोड़ 50 लाख रुपए की आय हुई है. यह राजस्व वसूली इस साल अप्रैल से एक अगस्त तक की गई है. यानी 4 माह में हैरिटेज नगर निगम टारगेट वसूली में काफी पीछे है. जबकि नगर निगम प्रशासन निजी कम्पनी स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को वसूली करने पर 9.95 प्रतिशत कमीशन देता है. बहरहाल, जयपुर में निगम ने कंपनी से अनुबंध किया. उसमें एक साल में सभी संपत्तियों का दोबारा सर्वे और रिकॉर्ड दुरुस्त कर नई डिमांड बनानी थी. कंपनी ने सर्वे अब तक पूरा नहीं किया. आय बढ़ना तो दूर, निगम का खर्च 10 प्रतिशत बढ़ गया है.

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