अदालत ने तय शर्तों के अनुसार किस्त नहीं चुकाने पर फ्लैट का आवंटन रद्द करने और जमा राशि में से कटौती करने की आवासन मंडल की कार्रवाई को सहीं माना है. अदालत ने कहा कि परिवादी ने जानबूझकर किस्त जमा नहीं कराई,
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Jaipur: जिले की स्थाई लोक अदालत ने तय शर्तों के अनुसार किस्त नहीं चुकाने पर फ्लैट का आवंटन रद्द करने और जमा राशि में से कटौती करने की आवासन मंडल की कार्रवाई को सहीं माना है. अदालत ने कहा कि परिवादी ने जानबूझकर किस्त जमा नहीं कराई, जबकि उसे बोर्ड ने किस्त चुकाने के लिए कई पत्र भेजे थे. ऐसे में आवासन मंडल जमा राशि में से नियमानुसार राशि कटौती कर शेष राशि बिना ब्याज लौटाए. अदालत ने यह आदेश अविनाश कुंभज के प्रार्थना पत्र पर दिए.
मामले के अनुसार परिवादी ने फरवरी 2013 में हाउसिंग बोर्ड की जगतपुरा स्थित इंदिरा गांधी आवासीय योजना में फ्लैट के लिए 2,96,000 रुपए पंजीकरण राशि जमा करवाकर आवेदन किया. बोर्ड ने फ्लैट की अनुमानित आरक्षण राशि 29.60 लाख रुपए तय कर उसे आरक्षण पत्र जारी कर दिया.
सात किस्तों में राशि जमा करवाने के लिए कहा, लेकिन उसने राशि का भुगतान नहीं किया और 8 जुलाई 2014 के बोर्ड नोटिस पर अंतिम भुगतान सहित कुल 7,53,720 रुपए ही दिए. हाउसिंग बोर्ड ने किस्त नहीं देने पर फ्लैट का आवंटन रद्द कर दिया.
वहीं, परिवादी ने हाउसिंग बोर्ड से जमा राशि वापस मांगी. इस पर बोर्ड ने नियमानुसार जमा में से बीस प्रतिशत राशि कटौती कर उसे शेष राशि रिफंड देने की बात कही. इसे परिवादी ने स्थाई लोक अदालत में चुनौती दी.
Reporter- Mahesh Pareek
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