उप प्राचार्य के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की मांग, शिक्षक उतरे आंदोलन की राह पर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1218418

उप प्राचार्य के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की मांग, शिक्षक उतरे आंदोलन की राह पर

शिक्षा विभाग की ओर सेवा नियमों में बदलाव करते हुए हैडमास्टर के कैडर को खत्म करने के साथ ही उप प्राचार्य के करीब 10 हजार से ज्यादा पदों को सृजित किए जाने का फैसला लिया गया. सके साथ ही उप प्राचार्यों के करीब 10 हजार पदों पर पदोन्नति के माध्यम से भरने का फैसला भी शिक्षा विभाग की ओर से लिया गया, जिसका विरोध अब प्रदेश के शिक्षकों ने करना शुरू कर दिया है. 

आज एक दिवसीय धरना राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर दिया गया.

Jaipur: शिक्षा विभाग की ओर सेवा नियमों में बदलाव करते हुए हैडमास्टर के कैडर को खत्म करने के साथ ही उप प्राचार्य के करीब 10 हजार से ज्यादा पदों को सृजित किए जाने का फैसला लिया गया. सके साथ ही उप प्राचार्यों के करीब 10 हजार पदों पर पदोन्नति के माध्यम से भरने का फैसला भी शिक्षा विभाग की ओर से लिया गया, जिसका विरोध अब प्रदेश के शिक्षकों ने करना शुरू कर दिया है. नियम का विरोध जताते हुए अध्यापकों और वरिष्ठ अध्यापकों द्वारा आज एक दिवसीय धरना राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर दिया गया.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस के सत्याग्रह को भाजपा ने बताया 'नौटंकी', कहा-स्वर्ग में गांधीजी हो रहे होंगे हैरान

गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से अप्रैल 2022 में पुराने नियमों में संशोधन कर प्रधानाध्यापक 5400 पे ग्रेड खत्म कर उसके स्थान पर उप प्राचार्य पद सृजित कर उस पर 100 फीसदी पदोन्नति लागू की गई, जिसके चलते प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक अब उप प्राचार्य के पद पर पदोन्नति होने की योग्यता नहीं रखते हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के इस नियम का विरोध कई स्तर पर किए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने के चलते आज से शहीद स्मारक पर धरना देकर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया.

उप प्राचार्य (स्कूल) स्कूल सीधी भर्ती मांग समिति राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता लव शर्मा ने बताया कि "शिक्षा विभाग की ओर से जो नियम लागू किया गया है. उसके तहत प्रदेश के करीब साढे तीन लाख शिक्षकों के अधिकारी बनने का सपना खत्म हो चुका है. यदि शिक्षा विभाग की ओर से शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे तो ऐसे में करीब साढे तीन लाख शिक्षक और वरिष्ठ अध्यापक इस पद पर नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा जारी संशोधित नियमों में बदलाव करते हुए 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाएं तो वहीं 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाएं, यदि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती से पदों को भरा जाएगा तो अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों के पास भी उप प्राचार्य बनने का मौका रहेगा. जब तक शिक्षा विभाग की ओर से संशोधित आदेश जारी नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

अपने जिले की खबर देखने के लिए यहां क्लिक करें.

Trending news