देव दिवाली और चन्द्रग्रहण कल, जानें कितने बजे से शुरू होगा ग्रहणकाल
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देव दिवाली और चन्द्रग्रहण कल, जानें कितने बजे से शुरू होगा ग्रहणकाल

देव दिवाली के मौके पर ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रगहण के मौके पर सूतककाल की शुरुआत सूर्योदय के साथ सुबह 6.44 बजे से होगी. ऐसे में भगवान की सेवा पूजा के साथ मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी कम रहेगी. इसके तहत शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में सुबह की झांकियों में बदलाव नहीं किया है.

देव दिवाली और चन्द्रग्रहण कल, जानें कितने बजे से शुरू होगा ग्रहणकाल

जयपुर: देव दिवाली के मौके पर ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रगहण के मौके पर सूतककाल की शुरुआत सूर्योदय के साथ सुबह 6.44 बजे से होगी. ऐसे में भगवान की सेवा पूजा के साथ मंदिरों में भक्तों की भीड़ भी कम रहेगी. इसके तहत शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में सुबह की झांकियों में बदलाव नहीं किया है. हालांकि, शाम को ग्वाल झांकी 5 से 5.15 बजे की बजाय 4.45 से 5.15 बजे तक, संध्या झांकी शाम 5.45 से 6.45 के बजाय रात 8 से 8.15 बजे तक होगी.

कार्तिक पूर्णिमा की झांकी रात 8.45 से 9 बजे तक, शयन झांकी रात 8 से 8.15 के बजाय रात 9.30 से 9.45 बजे तक होगी. वहीं, शाम 5.30 से 6.20 बजे तक ग्रहणकाल के विशेष दर्शन होंगे. गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में रास पूर्णिमा की विशेष झांकी के दर्शन होंगे.

ठाकुरजी को सुनहरे पारचे की पोशाक धारण कराई जाएगी. मावा लड्डू और खीर का भोग अर्पित होगा. इस अवसर पर ठाकुरजी के रास का खाट पर चौसर और शतरंज की झांकी सजाई जाएगी. साथ में दूध, पान, इत्रदान ठाकुरजी की सेवा में अर्पित होंगे. मंगलवार सुबह से ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. मंदिरों में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंंदिरों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. 

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ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या ना करें

मंगलवार को साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगेगा. चंद्रग्रहण से पहले ही पूजा-पाठ से जुड़े कोई काम नहीं किया जाएगा. सुबह से ही सूतककाल शुरू हो जाएगा जो ग्रहण खत्म होने के बाद समाप्त होगा. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहए. इसके साथ ही रसोई घर में जाने से बचना चाहिए. इस दौरान किसी पंडित की सलाह के मुताबिक काम करना चाहिए. 

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