राजस्थान में प्रचंड गर्मी से बांधों पर आफत, छोटे 449 सभी डैम सूखे, बड़ों में सिर्फ 21 फीसदी पानी बचा
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राजस्थान में प्रचंड गर्मी से बांधों पर आफत, छोटे 449 सभी डैम सूखे, बड़ों में सिर्फ 21 फीसदी पानी बचा

मरूधरा में प्रचंड गर्मी का प्रकोप बांधों पर भी पड़ने लगा है. रेगिस्तान में अबकी बार गर्मी इतनी भीषण पड़ रही है कि 4.25 एमक्यूएम से कम भराव वाले सभी 449 बांधों बिल्कुल सूख चुके हैं, इन बांधों में एक बूंद पानी नहीं बचा.

फाइल फोटो

Jaipur: मरूधरा में प्रचंड गर्मी का प्रकोप बांधों पर भी पड़ने लगा है. रेगिस्तान में अबकी बार गर्मी इतनी भीषण पड़ रही है कि 4.25 एमक्यूएम से कम भराव वाले सभी 449 बांधों बिल्कुल सूख चुके हैं, इन बांधों में एक बूंद पानी नहीं बचा. जबकि बड़े बांध यानि 4.25 एक्यूएम से बड़े बांधों में सिर्फ 21 प्रतिशत ही पानी बचा है.

छोटे बड़े और प्रमुख बांधों की बात करें तो 61 प्रतिशत बांध सूख चुके हैं. प्रदेश के 22 बड़े बांधों में 50 प्रतिशत ही पानी बचा है. आसमान से बरस रही आग से मानसून से पहले मरूधरा पर बहुत बड़ी आफत आ चुकी है. राजस्थान में यदि ऐसी ही गर्मी पड़ी तो आने वाले दिनों में बहुत भीषण जलसंकट की स्थिति पैदा हो जाएगी.

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जैसे-जैसे तापमान मरूधरा का तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे बांधों में पानी की सूखता जा रहा है. अब तो हालात ये हो चले है कि प्रदेश के अधिकतर बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं बचा. सबसे ज्यादा जोधपुर संभाग के बांधों की स्थिति खराब है. जोधपुर संभाग में 123 बांध है, जिसमें से महज 2.4 फीसदी ही पानी बचा है. यानि जोधपुर संभाग के 97 फीसदी बांध सूख चुके हैं. बांधों में पानी सूखने के बाद जलदाय विभाग अब ट्रेन और दूसरे जल परिवहन से पानी पिला रहा है.

इसके अलावा जयपुर और उदयपुर संभाग की स्थिति भी बहुत ज्यादा ठीक नहीं है. जयपुर के 261 बांधों में सिर्फ 20 प्रतिशत पानी ही बचा है. वहीं, उदयपुर की बात करे तो वहां के बांधों में महज 35 प्रतिशत ही पानी बच पाया है. जल संसाधन विभाग द्धारा जारी किए गए ताजा आकंड़े राजस्थान को आने वाले समय में परेशान करने वाले हैं. जलदाय और भूजल मंत्री महेश जोशी कहते है कि लगातार कोशिश की जा रही है स्थिति सुधरे और सभी तक पानी पहुंचे. 

क्योंकि अभी मई का आधा महीना बाकी है, जून के पूरे महीन में भीषण गर्मी पड़ेगी. जुलाई में मानसून कब आएगा और कितना सक्रिय होगा, इसका अभी आकंलन नहीं किया जा सकता है. ऐस में राजस्थान में इन मौजूदा हालातों के बीच गर्मी लगातार तीखे तेवर दिखा रही है, जिससे जलसंकट लगातार मंडरा रहा है.

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