एक तरफ पेयजल के लिए मारामारी तो दूसरी तरफ गंदा पानी पीने की मजबूरी
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एक तरफ पेयजल के लिए मारामारी तो दूसरी तरफ गंदा पानी पीने की मजबूरी

राजधानी जयपुर जिले (Jaipur news) के चौमूं कस्बे में जहां एक तरफ पेयजल का संकट गहराया हुआ है. 

बिना ढक्कन की टंकी बीमारियों को दे रही न्यौता.

Jaipur : राजधानी जयपुर जिले (Jaipur news) के चौमूं कस्बे में जहां एक तरफ पेयजल का संकट गहराया हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ दूषित पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं. शहर में जलदाय विभाग (PHED) की टंकियों के रख रखाव और साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च जाते है, लेकिन फिर भी शहर के लोग दूषित पानी (Water) पी रहे हैं. यह बात हम नहीं कर रहे हैं यह खुली टंकियां खुद बता रही हैं.

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शहर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था नगरपालिका के जिम्मे हैं.  नगरपालिका के अधीन ही जलदाय विभाग काम करता है. कस्बे के रेलवे स्टेशन कॉलोनी पर बनी पेयजल की टंकियों के ढक्कन जर्जर होकर टूट गए, लेकिन नगरपालिका की नींद नहीं टूटी और ना ही ठेकेदार को इसकी जानकारी है.

नगर पालिका और ठेकेदार की लापरवाही शहर के लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने कहा टँकीया खुली पड़ी है. बरसात के मौसम में खुले टंकियों में कचरा एकत्र हो गया और इस गंदे पानी की सप्लाई शहर के वार्डो में की जा रही है. गंदे पानी की सप्लाई से बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है. जहां एक ओर लोग कोरोना जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो वहीं, गंदे पानी से कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका है. हालांकि अब जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार ने टंकियां के नए ढक्कन लगाने की बात कही है.

रिपोर्ट : प्रदीप सोनी

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