केंद्र की फटकार का असर, अब जल जीवन मिशन में होगा क्वालिटी पर कंट्रोल
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केंद्र की फटकार का असर, अब जल जीवन मिशन में होगा क्वालिटी पर कंट्रोल

राजस्थान के जल जीवन मिशन में पानी की गुणवत्ता केंद्र सरकार ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद में अब जलदाय विभाग ने गुणवत्ता मापने के लिए अधिकारियों को टेस्टिंग किट रखने के निर्देश दिए हैं.

फील्ड विजिट के दौरान अभियंता भी करेंगे पेयजल गुणवत्ता की नियमित जांच.

Jaipur : राजस्थान के जल जीवन मिशन में पानी की गुणवत्ता केंद्र सरकार ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद में अब जलदाय विभाग ने गुणवत्ता मापने के लिए अधिकारियों को टेस्टिंग किट रखने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) और अन्य परियोजनाओं के तहत पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता जांच के लिए फील्ड में तैनात कनिष्ठ अभियंताओं से लेकर राज्य स्तर पर कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी अपने साथ हर समय 'फील्ड टेस्टिंग किट' रखेंगे. वे इस किट का उपयोग फील्ड विजिट के दौरान पेयजल की गुणवत्ता जांच के लिए करेंगे.ज़ी मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.

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दौरों के समय वाटर क्वालिटी परीक्षण के लिए किट दिए
राजस्थान के जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Rajasthan ) में पानी की क्वालिटी पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा था, जिस पर केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन की टीम ने भी फटकार लगाई थी, जिसके बाद जलदाय विभाग ने पानी की गुणवत्ता के लिए कड़ा फैसला लिया है. अब तमाम इंजीनियर्स को फील्ड में जाने से पहले टेस्टिंग किट रखना होगा. एसीएस सुधांश पंत (ACS Sudhansh Pant) ने कहा कि जिस प्रकार जेजेएम में ग्राम जल स्वच्छता समितियों के सदस्यों को गांव-ढाणियों में अपने स्तर पर गुणवत्ता जांच के लिए टेस्टिंग किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उसी प्रकार विभाग में सभी स्तर के अधिकारियों को भी अपने दौरों के समय वाटर क्वालिटी परीक्षण के लिए किट दिए जाए. अभियंता हर फील्ड विजिट में गुणवत्ता जांच को भी अपने एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि क्षेत्र विशेष से सम्बंधित हैंड पंप, ट्यूबवेल और जीएलआर एवं घरों सहित अन्य जल स्रोतों से नमूने लेने की कार्यवाही सार्वजनिक तौर पर स्थानीय लोगों की मौजूदगी में की जाए. इसके परिणाम के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाए. 

लम्बी अवधि तक निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिले
उन्होंने विभाग के चीफ कैमिस्ट को निर्देश दिए कि इस सम्बंध में एक विस्तृत दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी अधिकारियों को पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग किट उपलब्ध कराए. पंत ने अधिकारियों को जल स्रोतों की सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी सतत रूप से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में इसकी प्रगति की भी नियमित तौर पर समीक्षा होगी.  जेजेएम के माध्यम से केवल लोगों को 'हर घर नल कनेक्शन' से पानी पहुंचाना ही पर्याप्त नहीं है, हर योजना से लाभान्वित परिवारों को लम्बी अवधि तक निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिले, यह सबसे महत्वपूर्ण है. 

एसीएस ने अधिकारियों को जेजेएम के कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्य पूरी पारदर्शिता, निर्धारित नॉर्म्स, गाइडलाइन के तहत सम्पन्न हो, इसके लिए हर स्तर पर सतत मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए. सभी कार्यों में 'क्वालिटी एश्योरेंस, क्वालिटी कंट्रोल मैन्यूल' के प्रावधानों की सख्ती से पालना हो. जेजेएम के कार्यों में किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता की शिकायत मिलने इस मैन्यूल के अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाए.

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