Rajasthan: साल 2022 में किसानों को मिलेगा सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा
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Rajasthan: साल 2022 में किसानों को मिलेगा सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा

साल 2022 में कृषि विभाग और किसानों से जुड़ी गतिविधियों पर भी सभी की नजर रहेगी. सबसे खास बात यह है कि नए साल में पहला मौका होगा, जब राजस्थान (Rajasthan News) में अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: साल 2022 में कृषि विभाग और किसानों से जुड़ी गतिविधियों पर भी सभी की नजर रहेगी. सबसे खास बात यह है कि नए साल में पहला मौका होगा, जब प्रदेश  (Rajasthan News) में अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा. विधानसभा और किसानों के नजरिए से यह मौका इसलिए भी ऐतिहासिक होगा क्योंकि अब से पहले राजस्थान में कभी भी अलग से कृषि बजट नहीं पेश किया गया है. 

इस कृषि बजट (Agriculture Budget 2022 ) में किसानों और कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं के साथ ही सिंचाई तंत्र मजबूत करने, खेती के लिए बिजली मुहैया कराने, उपज के लिए मंडियों के जरिए पुख्ता मार्केट की व्यवस्था करने, साथ में सहकारिता विभाग कैसे किसानों की स्थिति सुधार सकेगा इस पर फोकस होगा.  

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इसके साथ ही पशुपालन और नवाचार को बढ़ावा देने पर भी कृषि मंत्री फोकस रखेंगे. केंद्र सरकार भी किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है, इस पर भी नजर रहेगी. राज्य और केंद्र की सरकारें किसानों को मजबूत करने के लिए एफपीओ का दायरा बढ़ाने और नए एफपीओ के गठन पर फोकस कर रही हैं. इसके साथ ही तीनों कृषि कानून निरस्त किए जाने के बाद आगे किसानों को कैसे मजबूत किया जा सकता है इस पर फोकस रहेगा. 

राजस्थान बीजेपी की रणनीति और घटनाक्रम पर सबकी नजर
राजस्थान में बीते साल विधानसभा की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद अब साल 2022 में  सभी दलों की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि यह साल आने वाले 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों को अपना आधार तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) को 3 साल के बाद क्या अगला कार्यकाल मिलता है? इस पर भी पार्टी का नजरिया इस वर्ष ही साफ हो सकेगा. 

बीजेपी (BJP) के भीतर चल रही गुटबाजी परवान चढ़ेगी या पार्टी अपनी एकजुटता दिखा सकेगी इसका भी खुलासा साल 2022 में कुछ हद तक हो सकेगा. सतीश पूनिया की अगुवाई में संगठन के काम के साथ वसुंधरा राजे अपनी उपस्थिति कितनी प्रभावी तरीके से दर्ज करा पाती हैं? साथ हीं, दूसरे नेताओं की गतिविधियों पर सबकी नजर रहेगी. 

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दूसरी तरफ आरएलपी के हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) एक बार फिर से एनडीए के नजदीक जाने की कोशिश करते दिख रहे हैं तो क्या इससे प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में कोई बदलाव आ सकता है यह भी काबिले गौर रहेगा. 

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