जयपुर की इस महिला IAS अफसर ने सूरत को बनाया नंबर 1, स्वछता मिशन में इंदौर को दी टक्कर
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जयपुर की इस महिला IAS अफसर ने सूरत को बनाया नंबर 1, स्वछता मिशन में इंदौर को दी टक्कर

गेटवे टू द फ्यूचर की थीम पर आयोजित वाइब्रेंट ग्लोबल गुजरात समिट के बीच एक खुशखबरी आई हैं. सात साल में पहली बार ऐसा हुआ है की जब सूरत से इंदौर को कड़ी टक्कर मिली है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में इस बार इंदौर के साथ-साथ सूरत को भी स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर वन स्थान मिला हैं.

जयपुर की इस महिला IAS अफसर ने सूरत को बनाया नंबर 1, स्वछता मिशन में इंदौर को दी टक्कर

Swach Bharat Mission: गेटवे टू द फ्यूचर की थीम पर आयोजित वाइब्रेंट ग्लोबल गुजरात समिट के बीच एक खुशखबरी आई हैं. सात साल में पहली बार ऐसा हुआ है की जब सूरत से इंदौर को कड़ी टक्कर मिली है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में इस बार इंदौर के साथ-साथ सूरत को भी स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर वन स्थान मिला हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने लगातार सातवीं बार सूरत के साथ सम्मान साझा करते हुए सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया है. दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने सूरत नगर निगम को स्वच्छता रैकिंग में नंबर वन आने पर अवार्ड से नवाजा.

सूरत नगर निगम मेयर दक्षेश मावाणी और राजस्थान की मूलत निवासी और गुजरात कॉडर की 2005 बैच की आईएएस अधिकारी नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल को अवार्ड देकर पुरस्कृत किया. आईएएस शालिनी अग्रवाल जयपुर की मूल निवासी हैं और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक करने के बाद वर्ष 2005 में दाहोद में असिस्टेंट कलेक्टर से कैरिअर की शुरुआत की थी. वर्ष 2017 में उन्हें तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मिले थे. वह वडोदरा में लोगों के बीच रहकर काम करने के लिए खूब चर्चित रहीं. उनके पिता भी एसके अग्रवाल रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार नंबर वन रैंकिंग आने पर सूरत नगर निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने कहा की ये आमजन के सहयोग से हुआ हैं. बेहतर सफाई, कचरा प्रबंधन और नवाचारों के लिए प्रथम रैंकिंग हासिल हुई है.

जनभागीदारी के बिना ये संभव नहीं था. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, वेस्ट जेनरेशन और प्रोसेसिंग, वेस्ट ट्रीटमेंट, रेशिडेंशियल और कॉमर्शियल एरिया में सफाई, जल संरचनाओं की सफाई, पब्लिक टॉयलेट्स की सफाई जैसे पैरामीटर पर फोकस रखा गया..साथ में शहर में आईईसी एक्टिविटी की गई आईटी क उपयोग लेते हुए मॉनिरटिंग की गई. अग्रवाल ने बताया की ये हमारी और आपकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम अपने शहर को साफ़ सुथरा रखें. अगर इसमें कोई कमी आती है तो इसके लिए हम सब जिम्मेदार है. ..शहरों को स्वच्छ रखने का उत्तरदायित्व सिर्फ नगर निगमों और निकाय का ना होकर अगर शहर और उस इलाके का हर नागरिक बीड़ा उठा ले तो सिर्फ हमारा घर, हमारा कॉलोनी ही नहीं पूरा का पूरा शहर स्वच्छ हो जाएगा. इस बार कुल 9500 अंक का सर्वेक्षण हुआ है. इसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर 4525, सर्टिफिकेशन पर 2500 और पब्लिक फीडबैक पर 2475 अंक रखे गए. इस बार सर्वे की थीम वेस्ट टू वेल्थ रखी गई थी.

गौरतलब हैं की गुजरात कैडर की 2005 की आईएएस सूरत नगर निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने वडोदरा महानगर पालिका में कमिश्नर के पद पर रहते हुए वाटर सप्लाई के 200 करोड के प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड रुपए बॉन्ड से जुटाए और म्युनिसिपल बॉन्ड पर पहली बुक ऑल अबाउट म्युनिसिपल बॉन्ड्स' भी लिखी थी. इस बुक को अमरीका का ट्रेजरी विभाग और वर्ल्ड बैंक टूलकिट के रूप में प्रमोट कर रहा हैं. विश्व में पहली बार म्यूनिशिपल बॉन्ड पर एक किताब लिखी गई है.

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