राज्यों में चुनाव होते हैं, तो दूसरे राज्यों से होमगार्ड और पुलिस बल बुलाने की व्यवस्था है. लेकिन ये व्यवस्था राजस्थान होमगार्ड महकमे के लिए परेशानी बन गई है. दरअसल पांच राज्यों ने चुनाव के दौरान राजस्थान से होमगार्ड्स बटालियन तो बुला ली. लेकिन उनका भुगतान नहीं किया.
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Jaipur: राज्यों में चुनाव होते हैं, तो दूसरे राज्यों से होमगार्ड और पुलिस बल बुलाने की व्यवस्था है. लेकिन ये व्यवस्था राजस्थान होमगार्ड महकमे के लिए परेशानी बन गई है. दरअसल पांच राज्यों ने चुनाव के दौरान राजस्थान से होमगार्ड्स बटालियन तो बुला ली. लेकिन उनका भुगतान नहीं किया. 15 साल से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी इनके पास प्रदेश का साढे़ पांच करोड़ रुपए बकाया है. सरकार कई पत्र लिख चुकी है, लेकिन राज्य हैं कि पैसा दे ही नहीं रहे हैं. अब बकाया पैसा निकलवाने के लिए पहली बार होमगार्ड के आला अफसर भेजे गए हैं.
देश में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सुरक्षाबलों का व्यापक बंदोबस्त किया जाता है. संबंधित राज्य में सुरक्षा बल कम होने पर दूसरे राज्यों से सुरक्षा बल कम्पनियां मंगवाई जाती हैं. इसमें विधानसभा चुनाव में राज्य अपने स्तर पर सुरक्षा बल मंगवाते हैं, जबकि लोकसभा चुनावों में गृहमंत्रालय स्तर से सुरक्षा बल भेजने के निर्देश जारी होते हैं. इन सुरक्षा बलों के वेतन-भत्तों का पुनर्भरण किया जाता है. राजस्थान से पांच राज्यों में गए सुरक्षा बलों का पुनर्भरण लम्बे समय से अटका हुआ है.
राज्यों पर होमगार्ड के वेतन-भत्तों के पुनर्भरण बकाया को मांगने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन हुआ कुछ नहीं. पिछली भाजपा सरकार में गृहमंत्री रहे गुलाबचंद कटारिया तक डीओ लेटर लिख चुके थे, वहीं वर्तमान कांग्रेस सरकार में भी गृह विभाग स्तर से बकाया भुगतान देने के लिए दर्जनों बार पत्र लिखे जा चुके हैं. बावजूद इसके इन राज्य सरकारों की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है.
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