Gandhi Jyanti 2022: कलाकार नीरू छाबड़ा ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कलाकार नीरू छाबड़ा ने चावल के दाने पर सूक्ष्म लेखन कर खुद की अभिव्यक्ति को व्यक्त किया है.
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Gandhi Jyanti 2022: भारत में चावल का बड़ा ही महत्व है. भोजन के साथ- साथ चावल का उपयोग मस्तक पर तिलक लगाने में भी किया जाता है. चावल से कई अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते है. जयपुर की नीरू छाबड़ा के हाथ में यही चावल आ जाए तो वह एक आकृति का रूप ले लेता है. चावल के दाने पर सूक्ष्म लेखन शुरूआती यात्रा छाबड़ा ने 37 साल पहले शुरू करी थी जो आज भी निरंतर जारी है.
कलाकार नीरू छाबड़ा बापू के अहिंसा संदेश को चावल पर लिखा
कलाकार नीरू छाबड़ा ने चावल पर सूक्ष्म लेखन कला कार्य करीब 37 साल पहले खुद की प्रेरणा से शुरू किया. महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कलाकार नीरू छाबड़ा ने चावल के दाने पर सूक्ष्म लेखन कर खुद की अभिव्यक्ति को व्यक्त किया है. नीरू छाबड़ा देश में आने वाले सभी पर्व और महापुरुषों की जयंती के अवसर पर चावल के दाने पर लेखन कर संदेश देती नजर आती है.
उनकी श्रेष्ठ कलाकृतियों मे मुख्य रूप से लोकतंत्र के पचास वर्ष, भक्तांबर स्त्रोत, मेरा भारत महान, अनेकता में एकता, गीता सार, गायत्री मंत्र, वंदे मातरम, नमोकार मंत्र सहित उन्होंने गांधी जयंती के अवसर पर गांधी जी द्वारा स्वराज की स्थापना सूत काटने के से की गई थी. उसे चावल के दाने से बखूबी दिखाया गया है, इसी के साथ ही उस समय में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में व्यापार करने के लिए रोक लगाने को भी दर्शाया गया है. नीरू ने बताया जब भी समय मिलता अपने इस हुनर को धीरे धीरे आजमाना शुरु किया और महारथ हासिल करी. बचपन में लोगों से बारे में सुना हुआ था कि वो चावल पर कलाकृतियां बनाते हैं तो मैंने भी कोशिश करते हुए सफलता हासिल करी.
भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सराहना कर चुके
नीरू की कलाकृतियों को देखकर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनकी सराहना कर चुके हैं. बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन निरू की कलाकृतियों से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने व्हाइट हाउस से निरू को प्रशंसा पत्र लिखा. नीरू ब्रस से चावल पर लिखने एवं कलाकृतियां बनाने वाली पहली भारतीय महिला कलाकार है.
इसी के साथ ही नीरू छाबड़ा ने आज के युवाओं को सीख देते हुए कहा कि उन्हें जो भी काम अच्छा लगता है वह उसे पूरी लग्न, मेहनत और ईमानदारी से करें एक ना एक दिन उन्हें सत्य के मार्ग पर चलते हुए सफलता जरूर मिलेगी.
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भारतीय नारी को दुर्गा, लक्ष्मी का रूप यूं ही नहीं दिया गया है. नारी चाहे तो मुश्किल से मुश्किल काम को भी सफलता से अंजाम दे सकती है. बस उनके मन में थोड़ा सा आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है. भारत को विश्व शक्ति के रूप में आगे बढ़ाने में महिलाओं का अहम योगदान साबित हो रहा है, जो की बड़े ही गर्व की बात है.
Reporter-Anoop Sharma