राजस्थान के 5 शहरों में ऑडिशन ऑडिशन हुए जिसमें प्रमुख रुप से जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर और जोधपुर शामिल रहे. कार्यक्रम के आयोजक पंकज माथुर ने बताया नारायण सिंह सर्किल इंद्रलोक सभागार में कार्यक्रम का ग्रैंड फिनाले आयोजित हुआ.
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Jaipur: लोक कला और लोक संगीत को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ-साथ आमजन भी इस और काम कर रहा है. इसी कड़ी में कल राजधानी जयपुर में वॉइस ऑफ राजस्थान का ग्रांड फिनाले संपन्न हुआ. इस प्रतियोगिता के लिए राजस्थान के 5 शहरों में ऑडिशन ऑडिशन हुए जिसमें प्रमुख रुप से जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर और जोधपुर शामिल रहे. कार्यक्रम के आयोजक पंकज माथुर ने बताया नारायण सिंह सर्किल इंद्रलोक सभागार में कार्यक्रम का ग्रैंड फिनाले आयोजित हुआ.
माथुर ने बताया कि यह संगीत प्रतियोगिता 3 समूह में आयोजित की गई. समूह का वर्गीकरण आयु के आधार पर किया गया है जिसमें 3 वर्ग रहे. दिव्यांग कलाकारों के लिए अलग से श्रेणी रखी गई है. पहली श्रेणी में जूनियर कैटेगरी के बच्चे जिनकी उम्र 8 से 15 वर्ष रखी गई. सीनियर कैटेगरी में 16 से 35 वर्ष की उम्र के कलाकारों ने भाग लिया.
सुपर सीनियर कैटेगरी में 36 से 55 वर्ष और दिव्यांग श्रेणी में 8 से 55 वर्ष के कलाकार सम्मिलित हुए.
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इस प्रतियोगिता में क्लासिकल, सेमीक्लासिकल, सूफी, एल्बम और फिल्मी गाने हुए. कार्यक्रम में लोक संगीत को बढ़ावा देने वाले के सी मालू, राजस्थान की मरु कोकिला सीमा शर्मा, कायस्थ महासभा के अध्यक्ष सत्य प्रकाश माथुर, हनुमानगढ़ के समाज सेवक धर्मपाल जी, राजस्थान फिल्म के मशहूर एक्टर हर्षित माथुर मौजूद रहे. रोली अग्रवाल प्रिंसिपल कलेक्टर इन्कम टैक्स उपस्थित रही. निर्णायक पैनल में डॉ कांता धवन, पंडित हेमंत भट्ट, दीपक माथुर रहे.
Reporter-Anup Sharma