Special Persons Court का महत्वपूर्ण फैसला, दिव्यांगजनों को न्यूनतम राशि पर मिले कृषि कनेक्शन
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Special Persons Court का महत्वपूर्ण फैसला, दिव्यांगजनों को न्यूनतम राशि पर मिले कृषि कनेक्शन

राजस्थान में एससी-एसटी के किसानों की तरह अब सरकार दिव्यांगजनों (Divyangjan) को भी न्यूनतम राशि में बिजली के कृषि कनेक्शन उपलब्ध करवाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur : राजस्थान में एससी-एसटी के किसानों की तरह अब सरकार दिव्यांगजनों (Divyangjan) को भी न्यूनतम राशि में बिजली के कृषि कनेक्शन उपलब्ध करवाएगी. विशेषयोग्यजन न्यायालय (Special Persons Court) ने दिव्यांगजनों के हितों के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. विशेषयोग्यजन आयुक्त ने उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को इस संबंध में निर्देश जारी किए.

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उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव करे कार्रवाई
राजस्थान (Rajasthan News) में दिव्यांगजनों को संबल प्रदान करने के लिए गहलोत सरकार लगातार अपने कदम आगे बढा रही है.इसी कडी में अब विशेषयोग्यजनों की अदालत से राहतभरा फैसला आया है. न्यायालय ने राजस्थान के किसानों की तर्ज पर विशेषयोग्यजनों को भी न्यूनतम दर पर कृषि कनेक्शन देने के निर्देश दिए. आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश देते हुए कहा है कि कृषि कार्य में दिव्यांग व्यक्तियों को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए दिव्यांग जनों को एससी एसटी वर्ग के समान ही बिजली कनेक्शन और डिमांड नोटिस की राशि का प्रावधान करने के लिए कार्रवाई करें.

आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास जरूरी-
डिसेबिलिटी राइट्स एक्टिविस्ट हेमंत भाई गोयल द्वारा विशेषयोग्यजन न्यायालय परिवाद दायर किया गया था, जिसके बाद में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. गोयल ने दिव्यांग अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की मांग करते हुए परिवाद दायर किया था. परिवाद में दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धारा 3(1)(2),19(1),0 E का हवाला देते हुए दिव्यांग किसानों को भी एससी एसटी वर्ग के किसानों की तर्ज पर बिजली के कृषि कनेक्शन जारी करने की मांग की थी. अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग जनों को आर्थिक रुप से आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार को प्रोत्साहन योजनाएं बनानी चाहिए. गोयल ने न्यायालय में यह भी तर्क दिया कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने दिव्यांग जनों को बीपीएल घोषित किया है तो जाहिर है कि दिव्यांग जनों की आर्थिक सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है.

कब तक हो पाता है निर्णय-
ऐसे में अब दिव्यांगजनों को उम्मीद है कि सरकार जल्द एक और बडी राहत देगी,ताकि दिव्यांग आत्मनिर्भर बनकर आगे बढ़ सके.

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