Virat Nagar : भैरवबाबा के भंडारे के नाम पर अवैध चंदा वसूली और नशे को बढ़ावा देने का आरोप
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1322983

Virat Nagar : भैरवबाबा के भंडारे के नाम पर अवैध चंदा वसूली और नशे को बढ़ावा देने का आरोप

आरोप है कि पिछले 4-5 सालों से लोग धार्मिक आस्था और धर्म के नाम पर असंवैधानिक रुप से लोगों से रुपये इकट्टा कर रहे हैं, इनके पास जमा इस राशि का कोई लेखा जोखा नहीं हैं. 

Virat Nagar : भैरवबाबा के भंडारे के नाम पर अवैध चंदा वसूली और नशे को बढ़ावा देने का आरोप

Virat Nagar : राजस्थान के जयपुर के विराटनगर के पांछूडाला गांव में आगामी 29 अगस्त को वनभूमि और पहाड़ी ऊपर भैरव बाबा के होने वाले भंडारे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता लालचंद मीणा ने बताया कि विगत कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान विशाल भंडारे के नाम पर कुछ लोगों की तरफ से धारा 144 का उल्लंघन करते हुए भंडारे का आयोजन किया जाना था.

उपखण्ड पावटा पर शिकायत दिए जाने के बाद इस मामले पर एसडीएम राजवीर सिंह यादव ने पटवारी और वन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर भेजकर इन लोगों को पाबंद करवाया था. ऐसे में उस वक्त ये कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया था, लेकिन पुन: लोगों से अवैध तरीके से धनराशि एकत्रित की जा रही है.

ऐसे में राज्यपाल, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण, उपखंड अधिकारी पावटा, उप पुलिस अधीक्षक कोटपूतली, थानाधिकारी प्रागपुरा, मुख्य वन संरक्षक, उपवन संरक्षक आदि को ज्ञापन भेजकर उक्त कार्यक्रम को रद्द करवाने की मांग की गई है.

ज्ञापन में बताया गया है कि वन भूमि के अंदर स्थानीय ग्राम वन सुरक्षा प्रबंधक समिति क्रम संख्या 160 के मुख्य सरगना रघुवीर पुत्र रामकरण, धोलाराम पुत्र सुरजाराम एवं अन्य रामकरण गुर्जर पुत्र घीसाराम, कमलेश कुमार पुत्र रामकरण, धुड़ाराम पुत्र छोटूराम, महेश पुत्र भोलाराम, जयमल पुत्र छोटूराम, रामस्वरूप पुत्र छोटूराम, लाखाराम पुत्र पालाराम आदि लोगों का एक गिरोह है.

पिछले 4-5 सालों से लोग धार्मिक आस्था और धर्म के नाम पर असंवैधानिक रुप से लोगों से रुपये इकट्टा कर रहे हैं, इनके पास जमा इस राशि का कोई लेखा जोखा नहीं हैं. एकत्रित की जा रही धन राशि से ये लोग मांस मंदिरा का सेवन कर समाज में षड्यंत्र के तहत लोगों में नशे की लत को बढ़ावा दे रहे हैं.

गांव में जागरुक लोगों की इनका विरोध किये जाने पर ये लोग धमकी भरी चुनौती देते है और धार्मिक आस्था और धर्म के नाम पर ये प्राकृतिक वन संपदा को भी खुर्द बुर्द करने पर आमदा हैं. लालचंद मीणा का कहना है कि असामाजिक तत्वों के रुप में लगातार सक्रिय होकर बढ़ रहे. उक्त गिरोह के सम्पूर्ण लोगों को प्रतिबंधित कर इनसे असंवैधानिक रुप से जुटाई गई धनराशि का सम्पूर्ण ब्यौरा लिया. प्राकृतिक वन संपदा को खुर्द बुर्द होने से बचाया जाए और इसे अंजाम दे रहे लोगों पर सख्त कार्यवाही की जायें.

रिपोर्टर- अमित यादव

जयपुर की खबरों के लिए क्लिक करें

अन्य खबरें

Ganesh Chaturthi 2022 : गणेश चतुर्थी पर इन तीन राशियों की बदलेगी किस्मत, शानदार रहेगा आने वाला वक्त

 

Trending news