Jaipur Bomb Blast: जयपुर बम ब्लास्ट केस में दोषमुक्त हो गए हैं, जिंदा बम प्रकरण में भी करें दोषमुक्त
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Jaipur Bomb Blast: जयपुर बम ब्लास्ट केस में दोषमुक्त हो गए हैं, जिंदा बम प्रकरण में भी करें दोषमुक्त

Jaipur Bomb Blast: जयपुर में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के तीन आरोपियों मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान व सरवर आजमी ने जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट में उन्हें इस केस में दोषमुक्त करने की अर्जी दायर की है.

Jaipur Bomb Blast: जयपुर बम ब्लास्ट केस में दोषमुक्त हो गए हैं, जिंदा बम प्रकरण में भी करें दोषमुक्त

Jaipur Bomb Blast: जयपुर में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के तीन आरोपियों मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान व सरवर आजमी ने जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट में उन्हें इस केस में दोषमुक्त करने की अर्जी दायर की है. इस अर्जी पर 11 अगस्त को सुनवाई होगी. इसी दिन एटीएस की ओर से पूर्व एडीजी अरविन्द कुमार जैन व मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन सहित अन्य गवाहों का नाम जोड़ने व उन्हें तलब करने वाली अर्जी पर भी सुनवाई होगी.

आरोपियों की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि जयपुर बम ब्लास्ट से जुडे आठ मुकदमों में समान तथ्य, समान गवाह व दस्तावेज हैं. इन मामलों में हाईकोर्ट उन्हें 29 मार्च 2023 को आदेश जारी कर दोषमुक्त कर चुका है. 

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वहीं जयपुर बम ब्लास्ट से जुडे मामले और जिंदा बम के प्रकरण से जुडे गवाह, दस्तावेज व तथ्य भी समान ही हैं. ऐसे में विधि का यह सुस्थापित नियम है कि यदि किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए सक्षम अधिकारिता वाले कोर्ट द्वारा सुनवाई कर उन्हें दोषमुक्त किया जा चुका है तो उन्हीं समान तथ्यों पर किसी अन्य ऐसे अपराध के लिए आरोपी पर ट्रायल नहीं चलाई जाएगी. 

ऐसे में जिन तथ्यों, गवाहों व दस्तावेजों पर वे हाईकोर्ट से दोषमुक्त हो चुके हैं, उन्हीं तथ्यों के आधार पर उनके खिलाफ ट्रायल नहीं चलाई जा सकती है. वहीं देश के संविधान में भी यह प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी अपराध के लिए एक बार से ज्यादा बार दंडित नहीं किया जा सकता. इसलिए जिंदा बम मामले में उन्हें दोषमुक्त किया जाए.

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गौरतलब है कि 13 मई 2008 को शहर में कई जगहों पर बम ब्लास्ट हुए थे और एक जगह से जिंदा बम बरामद किया गया था. मामले में विशेष अदालत ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. वहीं जिंदा मिले बम को लेकर भी जांच एजेन्सी ने समान धाराओं में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था.

 

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