मंदिर के पुजारी द्वारा भी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही ऐसी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है.
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Jaipur: राजधानी जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र (Bhankrota Area) में इस समय मंदिरों में पूजा के दौरान बजाए जाने वाले लाउडस्पीकर (Loudspeaker) का मामला काफी गरमाया हुआ है क्योंकि करीब 1 सप्ताह पहले मंदिरों में पूजा के दौरान जब लाउडस्पीकर, घंटे, घड़ियाल बजाए जा रहे थे तो पुलिस प्रशासन द्वारा आकर उनको बंद करवाया गया. इसके बाद यह पूरा मामला गरमा गया.
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स्थानीय निवासियों ने इस पूरे मामले की सूचना जब यहां के स्थानीय विधायक अशोक लाहोटी (Ashok Lahoti) को दी गई तो स्थानीय विधायक द्वारा पुलिस प्रशासन को एक पत्र लिखा गया, जिसमें कहा गया कि लॉकडाउन के नियम सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होने चाहिए, जहां एक और मंदिरों में लाउडस्पीकर को बंद करवाया जा रहा है तो वहीं अन्य धर्मों में दिन में 5 बार लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं, जिनकी आवाज इतनी तेज है कि करीब 2 किलोमीटर तक सुनी जा सकती है.
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भांकरोटा क्षेत्र में स्थित गणेश मंदिर माता मंदिर और हनुमान मंदिर में बीते 7 दिन पहले एक मामले ने तूल पकड़ा और यह मामला था पूजा के दौरान बजने वाले लाउडस्पीकर का, जब आरती के दौरान लाउडस्पीकर बजाया जा रहा था तो पुलिस प्रशासन द्वारा मौके पर पहुंचकर लाउडस्पीकर को बंद करवाया गया हालांकि इस दौरान स्थानीय निवासियों और पुलिस प्रशासन में थोड़ी देर के लिए तनाव की स्थिति भी देखने को मिली.
लॉकडाउन के नियम पूरे राजस्थान में एक
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना न किसी की चाहत देखता है, न धर्म देखता है और सभी के लिए बराबर है. लॉकडाउन के नियम पूरे राजस्थान में एक हैं तो सभी धर्मों पर अलग-अलग कैसे? जहां मंदिरों में घंटे, घड़ियाल और लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर अन्य धर्मों में दिन में 5 बार लाउडस्पीकर जोर-जोर से बजाया जा रहे हैं.
क्या कहना है मंदिर के पुजारी का
वहीं, मंदिर के पुजारी द्वारा भी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही ऐसी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि भगवान की आरती के समय बहुत कम आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जा रहा था लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंच गए लाउडस्पीकर को बंद कर दिया जबकि पास में ही अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर दिन में 5 बार तेज तेज आवाज में लाउडस्पीकर की बजाए जा रहे हैं. सभी धर्म एक समान नियम लागू होने चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.
बहरहाल, इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन का कहना है कि उनके द्वारा मंदिरों में लाउडस्पीकर को बंद करने की बात नहीं कही गई थी. जब लाउडस्पीकर बज रहा था तो पुलिस द्वारा पहुंचकर सिर्फ लाउड स्पीकर की आवाज को कम करने की बात कही गई थी, ऐसे में इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देकर तूल दिया जा रहा है.