Jaipur News: सांभर झील में पिछले कुछ दिनों से पक्षियों की लगातार मौत हो रही है. लगभग 734 पक्षियों की मौत हो चुकी है. इससे पक्षी विशेषज्ञों में तो चिंता है ही, पशुपालन विभाग के अफसरों में भी हड़कंप मच गया है. पशुपालन विभाग की तरफ से बचाव के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
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Rajasthan News: राजस्थान में एक बार फिर पक्षियों पर महामारी का साया मंडरा रहा है. करीब चार साल पहले भी इसी तरह महामारी के चलते लगभग 20 हजार पक्षियों की मौत हुई थी. 26 अक्टूबर से पक्षियों में यह रोग देखा जा रहा है. सांभर झील में पिछले कुछ दिनों लगभग 734 पक्षियों की मौत हो चुकी है. पक्षी विशेषज्ञों और पशुपालन विभाग के अफसरों में इसको लेकर हड़कंप मच गया है.
IVRI बरेली से पक्षियों में रोग की हुई पुष्टि
पशुपालन विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सांभर झील में अब तक 700 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है. पक्षियों की मौत को लेकर पशुपालन विभाग द्वारा सैंपल लिए गए. सैंपल IVRI बरेली भेजे गए, जिसमें पक्षियों में एवियन बोटुलिज्म रोग की पुष्टि हुई है. पशुपालन विभाग ने सांभर झील और इसके भराव क्षेत्र में प्रवासी और देसी पक्षियों की असामान्य मौतों को लेकर जांच करवाई है. पक्षियों में एवियन बोटुलिज़्म रोग की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग ने सभी जिलों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं. पशुपालन विभाग के सभी संयुक्त निदेशकों को एसओपी के तहत रोग पर नियंत्रण और बचाव के निर्देश दिए हैं. मृत पक्षियों के शवों के उचित निस्तारण के भी निर्देश दिए गए हैं.
पशुपालन विभाग ने शुरू किए बचाव के प्रयास
पशुपालन विभाग में हेल्थ एंड लैब के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ.तपेश माथुर ने बताया कि सांभर झील के करीब 60 किलोमीटर क्षेत्र में मृत पक्षी देखने को मिल रहे हैं. झील को 10 भागों में बांटकर टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. मृत पक्षियों के कारण दूसरे पक्षी भी इस रोग से ग्रसित हो रहे हैं. पशुपालन विभाग की टीमें मृत पक्षियों को झील से निकालने और उनके उचित निस्तारण में लगी हुई है. प्रभावित पक्षियों के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं. डॉ तपेश माथुर ने बताया कि अब तक 734 पक्षियों की मौत हुई है, जबकि 126 पक्षी रोग ग्रस्त पाए गए हैं.
कहीं प्रवासी पक्षियों के लिए न हो बड़ा खतरा
सांभर झील पर हर साल करीब ढाई से तीन लाख प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. इन पक्षियों में दुर्लभ प्रजातियों के भी पक्षी आते हैं. बारिश के बाद मौसम ठंडा होने पर सांभर झील में प्रवासी पक्षियों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में जल्द ही यदि इस महामारी पर काबू नहीं पाया गया, तो प्रवासी पक्षियों के लिए भी बड़ा खतरा हो सकता है.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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