Rajasthan Politics: उपचुनाव बना BJP का प्रतिष्ठा का 'सवाल'? सीएम भजनलाल ने खुद संभाला जिम्मा, CMR में बन रही यह खास रणनीति...
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2463397

Rajasthan Politics: उपचुनाव बना BJP का प्रतिष्ठा का 'सवाल'? सीएम भजनलाल ने खुद संभाला जिम्मा, CMR में बन रही यह खास रणनीति...

Rajasthan News: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसको लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. वहीं, ये उपचुनाव बीजेपी के प्रतिष्ठा का सवाल है, क्योंकि इससे पता चलेगा कि जनता बीजेपी से संतुष्ट है कि नहीं.

Jaipur News Zee Rajasthan

Rajasthan News: प्रदेश में सात सीटों पर होने वाला विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. यही वजह है कि राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद इन उपचुनावों का जिम्मा संभाल लिया है. मुख्यमंत्री आवास में लगातार दो दिन से उप चुनाव वाली विधानसभा सीटों का फीडबैक लिया जा रहा है. उप चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन से लेकर जीत तक की खास रणनीति बनाई जा रही है. 

उपचुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा
राजस्थान में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव होने है. इनमें पांच सीटें दौसा, खींवसर, देवली उनियारा, चौरासी और झुंझुनूं के विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनने तथा दो सीटें सलूम्बर तथा रामगढ़ के विधायकों के निधन होने के कारण खाली हुई है. इन सभी सीटों पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होने हैं. इनमें एक सीट सलूम्बर बीजेपी के खाते में थी, वहीं चौरासी BAP, खींवसर RLP तथा शेष चारों देवली उनियारा, दौसा, झुंझुनूं तथा रामगढ़ कांग्रेस के पास थी. इधर राजस्थान में भाजपा की सरकार है और पार्टी को भी उम्मीद है कि सातों सीटों पर भाजपा के खाते में आए. इसके लिए पार्टी पुरजोर प्रयास भी कर रही है.

मुख्यमंत्री भजनलाल ने खुद जिम्मा संभाला
उपचुनाव में हार जीत को लेकर राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन उपचुनाव की जंग फतह करने के लिए अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद जिम्मा संभाल लिया है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री आवास पर पिछले दो दिन से लगातार विधानसभा उपचुनाव वाली सीटों का फीडबैक लेने के लिए बैठकें चल रही है. रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देवली उनियारा और रामगढ़ सीट को लेकर फीडबैक बैठक ली. वहीं, सोमवार को झुंझूनूं , दौसा तथा खींवसर सीट को लेकर जमीनी हकीकत तलाश की. बैठक में प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर सहित अन्य नेता मौजूद रहे. 

टिकट दावेदारों से लेकर स्थानीय नेताओं से चर्चा
मुख्यमंत्री आवास पर हुई फीडबैक बैठकों में उस सीट पर टिकट के दावेदारों, जिला अध्यक्ष, पार्टी से जुड़े समाज के प्रमुख नेताओं बुलाया गया. इन लोगों से चर्चा कर सीट पर प्रत्याशी के संभावित नाम से लेकर जीत की खास रणनीति बनाई जा रही है. किस-किस दावेदार का क्षेत्र में कितना प्रभाव है और जीतने की कितनी संभावना है. बैठक के बाद संभावित प्रत्याशियों के पैनल बनाए जा सकते हैं. पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजे जाएंगे जहां से उनके नाम की घोषणा की जाएगी.

उपचुनाव में सातों सीट जीतने का दबाव !
उप चुनाव में इन सीटों को बीजेपी जीत नहीं पाती है तो भी सरकार के बहुमत के आंकड़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश की सभी सातों सीटों को जीतने के लिए लक्ष्य दिया गया है. विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं. यदि भाजपा प्रदेश में उपचुनाव की सभी सातों विधानसभा सीटें जीतती है, तो लोगों के बीच मैसेज दिया जाएगा कि सरकार के कामकाज से जनता संतुष्ट है. यदि भाजपा चुनाव हारती है तो विपक्ष इसे सरकार का फेल्योर बताकर का मुद्दा बनाएगा. ऐसे में विधानसभा की सभी सातों सीटें जीतने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. 

कई बार समीक्षा, फूंक-फूंक कर कदम
भाजपा प्रदेश में उपचुनाव वाली सीटों को लेकर बार बार समीक्षा कर रही है. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में सीटों पर समीक्षा की गई थी. इसके बाद हाल ही नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल ने सीटों को लेकर समीक्षा की. दोनों ने देवली उनियारा, दौसा, झुंझुनूं, खींवसर, सलूम्बर जाकर फीडबैक लिया था. इसके बाद अब मुख्यमंत्री खुद इन सीटों को लेकर समीक्षा कर रहे हैं. ऐसे में साफ है कि भाजपा जीत को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. 

ये भी पढ़ें- बाड़मेर में देर रात प्रेमी जोड़े ने बीच सड़क पर जमकर किया बवाल, युवक पर चढ़ा दी कार

Trending news