जयपुर: विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी ने कमर कसी, पहली बार महिला मोर्चा कार्यकर्ता करेंगी प्रवास
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जयपुर: विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी ने कमर कसी, पहली बार महिला मोर्चा कार्यकर्ता करेंगी प्रवास

जयपुर न्यूज: बीजेपी में पहली बार महिला मोर्चा कार्यकर्ता प्रवास करे बूथ-शक्ति केंद्र पर पार्टी को मजबूत करेंगी.प्रत्येक शक्ति केंद्र पर टीम 11 बनाई जाएगी. ये पहली बार है जब इस तरह की जिम्मेदारी दी गई है. 

जयपुर: विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी ने कमर कसी, पहली बार महिला मोर्चा कार्यकर्ता करेंगी प्रवास

Jaipur: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी ने पूरी तरह कमर कस ली है. बीजेपी ने अपने हरावल दस्तों अर्थात अग्रिम संगठनों को पूरी तरह मैदान में उतार दिया है. बीजेपी महिला मोर्चा की कार्यकर्ता पहली बार प्रवास पर जाएंगी. इस दौरान वो बूथ और शक्ति केंद्रों पर पार्टी को मजबूत करेंगी. इसको लेकर बीजेपी में मंथन किया जा चुका है और प्रत्येक शक्ति केंद्र पर टीम 11 बनाई जाएगी.

प्रदेश में विधानसभा चुनावों में लगभग सात महीने का समय बचा है. प्रदेश में मुख्य टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहने वाली है. बीजेपी ने अपने ढंग से चुनावी रणनीति तैयार की है. प्रदेश में महिला हिंसा और अपराध एक बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा. इसके लिए बीजेपी महिला मोर्चा को प्रदेश की महिलाओं की आवाज उठाने की जिम्मेदारी दी गई. बीजेपी महिला प्रवास कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें महिला माेर्चा की भूमिका पर मंथन किया गया. चुनाव में अब बीजेपी महिला मोर्चा को वार्ड बूथ तक शक्ति केंद्र बना कर संगठनात्मक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक रणनीति के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं.

पहली बार महिला मोर्चा कार्यकर्ता-पदाधिकारी प्रवास पर 

बीजेपी में संगठन की मजबूती के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रवास पर निकलते हैं और कई दिन घरबार छोड़कर पार्टी की मजबूती के लिए काम करते हैं. इधर इसी तर्ज पर पहली बार मोर्चा की कार्यकर्ता भी अब प्रदेश प्रवास पर रहेंगी. बीजेपी वार्ड स्तर पर महिला शक्ति केंद्र बनाने की योजना बनाई है , जिससे स्थानीय मुद्दों के साथ सरकार को घेरा जा सके. एक शक्ति केंद्र पर एक संयोजक , एक सहसंयोजक सहित 11 महिलाओं की टीम होगी. हर बूथ पर भी पांच महिलाओं की टीम बनाई जाएगी. ऐसा पहली बार है कि महिला मोर्चा की कार्यकर्ता अपने मंडल और शहर से बाहर दूसरे जिले में प्रवास पर रहेंगी. इससे पहले महिला मोर्चा को कभी भी प्रवास पर नहीं भेजा गया , ये पहली बार है जब इस तरह की जिम्मेदारी दी गई है. जिसमे मंडल पदाधिकारी सुबह से शाम तक जबकि शहर और जिला प्राधिकारी दो-दो दिन के प्रवास पर रहेंगी. ये प्रवास 200 की 200 विधानसभा सीटों पर होगा.

इस तरह पार्टी से जोड़ेगी आम जनता को 

शक्ति केंद्र पर महिलाओं की टीम संगठनात्मक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक काम करेगी. टीम केंद्र सरकार की योजनाओं को डोर टू डोर पहुंचाया जाएगा. इसके साथ लाभार्थियों को पार्टी की नीति से जोड़ा जाएगा. साथ ही शक्ति केंद्र के जरिए वार्ड और बूथ स्तर पर महिला हिंसा के आकड़ों के जरिए गहलोत सरकार के खिलाफ भी माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. इस दौरान महिला मोर्चा मोदी सरकार की योजनाओं से लाभार्थियों से संपर्क करेंगे और उन्हें पार्टी से जोड़ने का काम करेंगी.

महिलाओं को आगे लाने का काम -

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी कहते हैं कि प्रदेश स्तरीय प्रवासी कार्यशाला में महिला मोर्चा को आगामी विधानसभा को देखते हुए जिम्मेदारी दी है. बूथ लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बने इसको लेकर पार्टी की तरफ से कुछ कार्यक्रम तय किए गए है. जोशी ने कहा कि बीजेपी ने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने का काम किया है , पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में पंचायत और वार्ड स्तर पर महिलाओं को रिजर्वेशन देने का काम किया. माेदी सरकार ने अपनी हर योजनाओं में महिलाओं के सम्मान को व्यक्त किया है.

वहीं इसके उलट प्रदेश सरकार के साढ़े साल चार में महिलाओं पर अत्याचार और हिंसा के मामले बढ़ हैं. महिलाएं घर बाहर सुरक्षित नहीं है , नाबालिग बच्चियों डर के साय में जीने को मजबूर है . किस तरह से राजस्थान महिला हिंसा और दुष्कर्म के मामलों में नम्बर वन बन गया ये सबके सामने है . अपराधियों में सरकार का भय नहीं है . जोशी ने कहा कि विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है जनता मन बना कर बैठी है सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए तैयार है .

प्रदेश में महिला हिंसा के आंकड़े 

राजस्थान महिलाओं और बच्चियों के अपराध के मामलों में देश में पहले नंबर पर है . वर्ष 2022 के एनसीआरबी के आंकड़े इस बात इसको साबित कर रहे हैं. राजस्थान में साल, 2021 में 6,377 दुष्कर्म के मामले हुए जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले एक हजार से ज्यादा है. रेप के मामलों में राजस्थान ने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम को भी पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक रेप के मामले सामने आए हैं. इसके विपरीत गहलोत सरकार अनिवार्य एफआईआर के कारण मामले व आंकड़ा बढ़ना बता रही है.

 

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