Jaipur News:रेलवे प्रशासन ने पिछले 10 वर्षों में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए बुलेट ट्रेन, डीएफसी, स्टेशन रिडेवलपमेंट, अमृत भारत स्टेशन जैसी कई परियोजनाएं शुरू की हैं. करीब 10 बड़े प्रोजेक्ट्स पर रेलवे प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है.
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Jaipur News:रेलवे प्रशासन ने पिछले 10 वर्षों में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए बुलेट ट्रेन, डीएफसी, स्टेशन रिडेवलपमेंट, अमृत भारत स्टेशन जैसी कई परियोजनाएं शुरू की हैं. करीब 10 बड़े प्रोजेक्ट्स पर रेलवे प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है. ये प्रोजेक्ट्स तेज गति से पूरे हों, इसके लिए अलग से गति शक्ति जैसी यूनिट्स भी बनाई गईं हैं.
रेलवे में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब पीएमओ खुद रेलवे के विकास पर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. इसी के तहत पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर के सभी स्टेशनों और कंट्रोल रूम को शुरू किया है.
फ्रेट कॉरिडोर के पूरी तरह शुरू होने के बाद रेलवे की करीब 75 फीसदी गुड्स ट्रेन (मालगाड़ी) इस पर शिफ्ट हो जाएंगी. डीएफसीसीआईएल के एमडी आरके जैन ने बताया कि अभी ईस्टर्न कॉरिडोर पर 100 फीसदी काम पूरा हो चुका है. वहीं वेस्टर्न कॉरिडोर पर 95 फीसदी काम किया जा चुका है. इसमें पालघर से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट की 104 किमी दूरी तक ट्रैक बिछाया जा रहा है.
जिसे अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा. अभी कॉरिडोर से रोजाना करीब 480 गुड्स ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. यानी हर 12 मिनट में 1 मालगाड़ी संचालित हो रही है. डीएफसी में ट्रेनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ई-कॉमर्स कंपनियों और रेलवे के बीच करार हुआ है. जिसके तहत बड़ी-बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां अपने माल को ट्रेनों के जरिए भेजेंगी.
अब महज 104 किमी रूट पर कार्य बाकी
- ईस्टर्न कॉरिडोर पंजाब के साहनेवाल, UP के खुर्जा से होते हुए फैला हुआ
- बिहार के सोननगर तक 1337 किमी में फैला हुआ है कॉरिडोर
- वेस्टर्न कॉरिडोर UP के चरखी दादरी, हरियाणा के रेवाड़ी, फुलेरा होकर फैला हुआ
- गुजरात के पालनपुर से होते हुए महाराष्ट्र के मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक
- करीब 1506 किमी में फैला हुआ है वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर
- यानी दोनों फ्रेट कॉरिडोर की कुल लंबाई है 2843 किलोमीटर
- इसमें से महज 104 किमी रूट पर काम किया जाना है बाकी
डीएफसीसीआईएल ने माल लदान को बढ़ावा देने के लिए देश में पहली बार ट्रक ऑन ट्रैक की सुविधा शुरू की है. अब खाद्य पदार्थों को गुड्स ट्रेन के वैगन में लोड करने की जरूरत नहीं है. बल्कि अब सीधे माल को ट्रक में लोड कर, ट्रक को गुड्स ट्रेन एक्सेल/बोगी पर आसानी से लोड किया जा सकता है. गुजरात की डेयरी उत्पादन समिति अमूल द्वारा पालनपुर से दूध के टैंकर ट्रक लोड कर रेवाड़ी भेजे जा रहे हैं.
फिर यहां से इसे रोड़ के जरिए जयपुर आदि कई जगहों पर भेजा जाता है. वैसे इसमें दूरी के हिसाब से किराया तय किया है. जिसके तहत भरे हुए ट्रक का किराया 32 हजार और खाली ट्रक का 21900 रुपए किराया लगता है. बड़ी बात यह भी है कि डीएफसी ने वेस्टर्न कॉरिडोर में रेवाड़ी-दादरी सेक्शन पर दुनिया की पहली एक किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रीफाइड टनल भी बनाई है. जिसमें डबल स्टैक कंटेनर मालगाड़ी भी संचालित हो सकती है.