Jaipur News: हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) के कर्मचारियों ने आवासन मंडल (Housing Board) के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन किया. इस दौरान कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने नारेबाजी कर सरकार से जमीन अवाप्ति करने और कर्मचारियों की भर्ती करने का मुद्दा उठाया.
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Jaipur: आवासन मंडल (Housing Board) के अस्तित्व को बचाने के लिए हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) के कर्मचारियों ने बड़ा आंदोलन किया.प्रदेशभर से आए कर्मचारी यूनियन (employee union) के पदाधिकारियों ने नारेबाजी की और सरकार से जमीन अवाप्ति करने और कर्मचारियों की भर्ती करने का मुद्दा उठाया. हालांकि इस आंदोलन के बाद आवासन मंडल (Housing Board) की ओर से कहा गया की राज्य सरकार आवासन मण्डल (State Government Housing Board) को शीघ्र 3 हजार बीघा से अधिक भूमि उपलब्ध कराएगी.
साथ ही जल्द राज्य सरकार की परीक्षा एजेंसी द्वारा 311 नए पदों पर भर्ती भी की जाएगी. राजस्थान आवासन बोर्ड कर्मचारी संघ (Rajasthan Housing Board Employees Union) के प्रदेशाध्यक्ष दशरथ कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन शुरू हुआ. इस प्रदर्शन में महिला कर्मचारी भी शामिल हुई.संघ के महामंत्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि बोर्ड का जब गठन हुआ था तब उसका उदेश्य सस्ती दरों पर गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को मकान उपलब्ध करवाना था.
इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने जमीनें अवाप्त की और राज्य के 20 से ज्यादा शहरों में मकान बनाए. लेकिन पिछले एक दशक से बोर्ड को सरकार बंद करने की कोशिश कर रही है. मौजूदा कांग्रेस सरकार ने बोर्ड की स्थिति को देखते हुए इसे मजबूती देने की घोषणा की थी, लेकिन मजबूती देने के बजाए सरकार बोर्ड की जमीनों को खुर्द-बुर्द कर रही है, जिससे बोर्ड का अस्तित्व खतरे में आ गया है.
कार्यकारी अध्यक्ष भगवती प्रसाद ने बताया कि बोर्ड बचाओ अभियान के तहत संघर्ष के लिए रमेश चन्द शर्मा के संयोजन में संघर्ष समिति (Sangharsh Samiti) का गठन किया है..यदि समय रहते मण्डल प्रशासन ने बोर्ड के हित में आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो मजबूरन कर्मचारियों को अपना आंदोलन और सख्त करना पड़ेगा.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष दशरथ कुमार ने बताया कि सरकार के पास बोर्ड के कई जमीन अवाप्ति के प्रस्ताव लम्बित पड़े है, लेकिन उस पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा.अब स्थिति ये हो गई है कि बोर्ड के पास आवासीय स्कीम बसाने के लिए राजस्थान में जमीन ही नहीं बची.जबकि सरकार ने मानसरोवर के सिटी पार्क की जमीन और आईपीडी टॉवर के बदले लिए पैसों की एवज में दूसरे शहरों में जमीन उपलब्ध करवाने का वादा किया था.
जो अब तक पूरा नहीं हुआ. इसके अलावा 311 पदों पर भर्ती करने का प्रस्ताव पास किए 6 महीने बीत गए, लेकिन अब तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की. उन्होंने बताया कि अगर ऐसा ही सब चलता रहा तो जल्द बोर्ड के बंद होने की नौबत आ जाएगी.
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