Jaipur News:जिला कलक्ट्रेट में करीब 13 साल से संचालित एकल खिड़की सिस्टम बंद हो गया है.व सिंगल विंडो सिस्टम परिसर में अब सब-रजिस्ट्रार ऑफिस को शिफ्ट किया गया है.इस पर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों का कहना है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उस कंपनी का टेंडर खत्म हो रहा था.
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Jaipur News:जिला कलक्ट्रेट में करीब 13 साल से संचालित एकल खिड़की सिस्टम बंद हो गया है.व सिंगल विंडो सिस्टम परिसर में अब सब-रजिस्ट्रार ऑफिस को शिफ्ट किया गया है.एकल खिड़की बंद होने से कलक्ट्रेट में अपने काम के लिए आने वाले लोगों को मजबूरन बाहर ई-मित्रों पर जाकर मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड बनवाना पड़ रहा है. लेकिन इस पर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों का कहना है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उस कंपनी का टेंडर खत्म हो रहा था.
पूर्व में संचालन करने वाली कंपनी के घाटे में चलने के कारण कोई और कंपनी टेंडर के लिए अप्लाई नहीं कर रही थी. ऐसे में बार-बार टेंडर निकालने के बाद भी जब कोई कंपनी ने अप्लाई नहीं किया तो कलेक्ट्रेट में एकल खिड़की पर संचालित ई-मित्र की सेवाएं बंद करनी पड़ी.
जिला कलक्ट्रेट में साल 2011 में एकल खिड़की की शुरुआत की गई थी. तब कलक्ट्रेट में राशन कार्ड, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य काम ऑफ लाइन हुआ करते थे. ऐसे में एकल खिड़की पर मौजूद कार्मिक एक ही जगह पर लोगों से आवेदन लेते और विभिन्न शाखाओं में भेज दिया करते थे.जिससे लोगों का काम आसान हो जाता था लोगों को कलेक्ट्रेट के कमरों में नहीं भटकना पड़ता था.
कुछ समय बाद कलक्ट्रेट में ऑनलाइन काम शुरू किया गया. प्रशासन ने एकल खिड़की को जारी रखते हुए लोगों की सुविधा को देखते हुए ई-मित्र की सेवाएं दी,लेकिन धीरे धीरे कलक्ट्रेट परिसर में चलने वाले ई -मित्र को बंद कर दिया गया.जिसके चलते अब लोगों को मजबूरन बाहर के ई मित्रो पर चक्कर लगाने पड़ते हैं.
बार एसोसिएशन के महासचिव अखिलेश शर्मा का कहना है कि जिला कलेक्ट्रेट में संचालित सिंगल विंडो को बंद कर दिया गया. जिसके चलते कलेक्ट्रेट में राशन कार्ड मूल निवास प्रमाण पत्र जन्म प्रमाण पत्र सहित ऑनलाइन काम करवाने के लिए आने वाले आमजन जगह चक्कर लगा रहे हैं.
साथ ही कलेक्ट्रेट में हजारों की तादाद में काम करने वाले वकील भी एकल खिड़की के बंद होने से काफी परेशान है कई बार प्रशासन को लिखित में ज्ञापन भी दे चुके हैं लेकिन फिलहाल इस समस्या का कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा.
कलेक्ट्रेट के आईटी अधिकारी रितेश शर्मा का कहना है कि जयपुर शहर में वर्तमान में करीब 4500 ई-मित्र का संचालन हो रहा है.जब कलेक्ट्रेट में ई-मित्र शुरू था जब आम जनता का काम 50 रूपए में हो जाया करता था.लेकिन कलेक्ट्रेट में जब से ऑनलाइन काम शुरू किया गया है तब से एकल खिड़की पर लोगों का आना काम हो गया.सब अपने घरों के आसपास में खुले हुए ई मित्र से ही सारे काम ऑनलाइन कर देते हैं.
जिसके चलते कलेक्ट्रेट में खुले ईमित्र पर फुटबॉल कम हो गया वह लोग दिन भर फ्री बैठे रहने लगे,जिसके चलते एकल खिड़की को बंद करना पड़ा. आईटीआई अधिकारी रितेश शर्मा कहा कि बाहरी ई-मित्र लोगों से अवैध वसूली नहीं कर सकते है यदि ऐसा पाया जाता है तो उस ई-मित्र पर कार्यवाही की जाएगी. कार्यवाही में 7 से 15 दिन के लिए लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है. बाहरी ई-मित्र सभी सेवाओं के लिए जो जो निर्धारित चार्ज है वो ही ले सकता है.
उपनिदेशक आईटी रितेश शर्मा का कहना है कि वर्तमान में एकल खिड़की पर ऐफेडेविट,नकल का काम हो रहा है.पिछले दिनों एसआर ऑफिस में आग लगी थी उसके कारण अभी सब रजिस्टार ऑफिस का काम एकल खिड़की पर किया जा रहा है.
मार्च 2023 में एकल खिड़की पर कार्यरत ई-मित्र की कंपनी का टेंडर समाप्त हो गया था हमने दोबारा टेंडर निकाला लेकिन किसी कंपनी ने आवेदन नहीं किया,क्योकि एकल खिड़की पर कार्यरत ई-मित्र घाटे में चल रहा था.जिसके कारण हमकों एकल खिड़की बंद करनी पड़ी.
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