Jaipur News : पुष्य नक्षत्र पर मोतीडूंगरी गणेशजी का पुष्य पंचामृत अभिषेक हुआ. महंत कैलाश शर्मा ने भगवान श्रीगणेशजी महाराज का 151 लीटर दूध, 21 किलो दही, साढ़े 5 किलो घी, 21 बूरा, 21 किलो गन्ने का रस, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से गणेशजी का अभिषेक किया.
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Jaipur : पुष्य नक्षत्र पर मोतीडूंगरी गणेशजी का पुष्य पंचामृत अभिषेक हुआ. महंत कैलाश शर्मा ने भगवान श्रीगणेशजी महाराज का 151 लीटर दूध, 21 किलो दही, साढ़े 5 किलो घी, 21 बूरा, 21 किलो गन्ने का रस, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से गणेशजी का अभिषेक किया.
सबसे पहले भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान करवाया गया. इसके बाद केवड़ा जल, गुलाब जल से अभिषेक के बाद पंचामृत अभिषेक हुआ. इसके बाद भगवान श्रीगणेशजी को श्री गणपति सहस्त्रनाम से 1008 मोदक अर्पित किए गए.
भगवान गणेशजी महाराज को नवीन पोशाक धारण करवाकर फूल बंगले में विराजमान किया गया. आज के दिन भगवान श्रीगणेशजी को खीर का विशेष भोग लगाया. अभिषेक के बाद भक्तों को रक्षा सूत्र निशुल्क बांटे गए. मोती डूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि हर 27 वें दिन पुष्य नक्षत्र आता है, इसे मनोती दिवस के रूप में भी मनाते है. इस दिन भगवान के चोला भी चढ़ाया जाता है. 27 दिन तक जो भगवान के रक्षा सूत्र चढ़ाए जाते हैं. उनको भक्तों को दिया जाता हैं. पुष्य नक्षत्र नक्षत्र शनि की दशा का कारक है तथा इसका अधिष्ठाता बृहस्पति होता है.
ब्रह्मांड में पुष्य नक्षत्र के तीन तारे होते हैं
ब्रह्मांड में पुष्य नक्षत्र के तीन तारे होते हैं और बाण की आकृति होती है. पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप था, इसलिए विवाह आदि में पुष्य नक्षत्र ग्राह्य नहीं होता है. लेकिन गर्भाधान वस्त्र धारण कल शिल्प कार्य आदि में यह बहुत अच्छा होता है. पुष्य नक्षत्र में भगवान गणेश का दूध से अभिषेक करने से सब प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं. पुष्य नक्षत्र में दान-पुण्य के साथ असहाय लोगों का सहयोग करने पर अनंत पुण्य फल मिलता है.