Jaipur News:परिवहन विभाग का E-RC,E-DL का कदम ने लाया क्रांति,1 माह में 2 लाख लोगों ने उठाया लाभ
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Jaipur News:परिवहन विभाग का E-RC,E-DL का कदम ने लाया क्रांति,1 माह में 2 लाख लोगों ने उठाया लाभ

Jaipur News:परिवहन विभाग द्वारा आमजन को राहत देने के लिए उठाया गया ई-डीएल, ई-आरसी का कदम सफल साबित रहा है.ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को अब केवल डिजिटल मोड में आमजन के मोबाइल पर दिया जा रहा है.

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Jaipur News:परिवहन विभाग द्वारा आमजन को राहत देने के लिए उठाया गया ई-डीएल, ई-आरसी का कदम सफल साबित रहा है.ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को अब केवल डिजिटल मोड में आमजन के मोबाइल पर दिया जा रहा है.एक महीने में करीब 2 लाख लोगों को नई योजना का लाभ मिला है.खास बात यह है कि नई योजना में आमजन की शिकायतें भी नगण्य हैं. 

1 अप्रैल को जब परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र को डिजिटल फॉर्मेट में देना शुरू किया था तो कई तरह की दिक्कतें आने की बात कही गई थी. इसमें केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तकनीकी आपत्तियों के साथ ही आमजन को फील्ड में आने वाली दिक्कतों के बारे में काफी कुछ कहा गया. 

यह भी माना गया कि ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ या दूसरी प्रवर्तन एजेंसियां मोबाइल में मौजूद लाइसेंस या आरसी को स्वीकार करेंगी या नहीं. वहीं यह भी कहा गया कि आमजन लाइसेंस या आरसी फिजिकल फार्म में अपने पास रखना चाहता है, ऐसे में यदि उसे लाइसेंस या आरसी फिजिकल फार्म में यानी स्मार्ट कार्ड के रूप में नहीं मिलेंगे, तो नई योजना का विरोध किया जाना संभव है. 

लेकिन अब इन सब चर्चाओं पर विराम लग गया है. ई-डीएल और ई-आरसी परियोजना को शुरू हुए एक माह बीत चुका है और इसके परिणाम काफी सुखद रहे हैं. दरअसल एक तरफ जहां नई परियोजना में लाइसेंस और आरसी स्मार्ट कार्ड पर प्रिंटिंग में लगने वाली पेंडेंसी का समय घट गया है. वहीं आमजन को 200 रुपए की बचत भी हो रही है.

समझिए आमजन को कैसे हुआ फायदा

- ई-डीएल, ई-आरसी से आमजन को कार्ड साथ रखने का झंझट नहीं
- मोबाइल में डिजीलॉकर या एमपरिवहन एप में इन दस्तावेजों को रख सकते

- परिवहन विभाग ने कहा, डिजिटल दस्तावेज सभी जगह है मान्य
- अप्रैल माह के दौरान 46158 नए ई-ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुए

- 47401 डुप्लीकेट या नवीनीकृत ई-लाइसेंस बनाए गए
- इस तरह कुल 93559 ई-ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए

- अप्रैल माह के दौरान वाहन पंजीयन की 109281 ई-आरसी जारी हुई
- कुलमिलाकर 2.03 लाख दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में जारी किए गए

- आमजन को 200 रुपए प्रति कार्ड के हिसाब से करीब 4 करोड़ की बचत
- डिजिटल दस्तावेज सीधे वाहन और सारथी सॉफ्टवेयर से जुड़े हुए

- ऐसे में प्रवर्तन अफसरों को लाइसेंस, आरसी का अपडेटेड डाटा दिख रहा
- देख सकते कि आरसी पर कितने चालान हुए, लाइसेंस ऑफेंडर तो नहीं

ई-डीएल और ई-आरसी को लागू करने के लिए परिवहन विभाग के स्तर पर नियमित रूप से मॉनिटरिंग की गई है. एक तरफ जहां परिवहन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा ने खुद फील्ड में उतरकर लोगों से इसका फीडबैक लिया और पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए. 

वहीं परिवहन आयुक्त डॉ.मनीषा अरोड़ा ने परियोजना की शुरुआत से एक माह पहले से ही इसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी थी. मार्च माह के दौरान राजस्व का बड़ा लक्ष्य होने के बावजूद भी परिवहन आयुक्त ने आमजन के हित से जुड़ी इस परियोजना को लेकर रीजन वार समीक्षा की. वहीं योजना की शुरुआत के बाद फील्ड में जाकर भी कार्य प्रक्रिया को देखा.

अभी यह चुनौती बाकी
- परिवहन विभाग के सामने पुरानी पेंडेंसी को खत्म करना बना हुआ चुनौती

- 31 मार्च तक के ज्यादातर लाइसेंस तो जारी कर दिए गए स्मार्ट कार्ड पर
- लेकिन HSRP डीलर स्तर पर पेंडिंग होने के कारण आरसी अटकी हुई

- सूत्रों के मुताबिक, प्रदेशभर में हजारों की संख्या में आरसी पैंडिंग
- परिवहन मुख्यालय ने डीलर्स के साथ समन्वय करने के दिए निर्देश

- आरसी की स्मार्ट कार्ड पर प्रिंटिंग कर निस्तारण के दिए हैं निर्देश

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