जयपुर: होटल से रेस्क्यू किए दुर्लभ प्रजाति के दो बार्न आउल, रातभर डरावनी आवाजों से सहमे लोग
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जयपुर: होटल से रेस्क्यू किए दुर्लभ प्रजाति के दो बार्न आउल, रातभर डरावनी आवाजों से सहमे लोग

Jaipur News:  राजधानी जयपुर के एक निजी होटल बाइक ग्रास होटल में दुर्लभ प्रजाति के दो बॉर्नआउल को वन विभाग की टीम ने शनिवार को होटल से रेस्क्यू. किया है. 

जयपुर: होटल से रेस्क्यू किए दुर्लभ प्रजाति के दो बार्न आउल, रातभर डरावनी आवाजों से सहमे लोग

Jaipur News:  राजधानी जयपुर के एक निजी होटल बाइक ग्रास होटल में दुर्लभ प्रजाति के दो बॉर्नआउल यानी उल्लू देर रात बालकनी में बैठ गए.रातभर इन दोनों उल्लूओं ने विभिन्न प्रकार की आवाज निकालकर होटल में रह रहे लोगों को डरा दिया.ऐसे में होटल मैनेजर अशोक कनोजिया ने स्टाफकर्मियों के साथ मिलकर सुबह सुरक्षित रूप से इन बॉर्नआउल यानी उल्लुओं को पकडा.,इसके बाद होटल में रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली.क्योंकि दिन में इन उल्लुओं को बहुत ही कम दिखाई देने से उड नहीं पाते है.होटल मैनेजर कनोजिया ने वन विभाग द्वारा रक्षा एनजीओ को फोन कर बॉर्नआउल यानी उल्लुओं को सुपुर्द किया.

विश्वभर में बार्न आउल प्रजाति के उल्लू
बॉर्नआउल एक मध्यम आकार के उल्लू की प्रजाति का दुर्लभ पक्षी है जो  विश्वभर में पाए जाते है. यह दुर्लभ प्रजाति का पक्षी खंडरो या पुरानी बिल्डिंग में रहना  ज्यादा पसंद करते है.यह खंडरों या पुरानी बिल्डिंग की छत पर घोंसला बना लेते है. जहां ज्यादा इंसानी धकल ना हो., 

बता दें कि स्पोटेड ओव्लेट दोनों अर्बन वाइल्डलाइफ श्रेणी में आते है,जो कि घरों के आस पास भी मिल जाते है.इनका मुख्य भोजन चूहे या छोटे पक्षियों होते है. एक वयस्क बार्न आउल यानी उल्लू को किसानों का दोस्त भी बोलते है.,क्योंकि खेतों में चूहों और पक्षियों के शिकार के दौरान वह खेती की रक्षा करते है.

राजस्थान में पाए जाते है विभिन्न प्रजातियों के उल्लू 

राजस्थान में करीब 12 से ज्यादा प्रजाति के उल्लू पाए जाते है.जिसमें स्पॉटेड ओवलेट, बार्न आउल, इंडियन स्कूप्स आउल, कोलर्ड स्कूप्स आउल, इंडियन ईगल आउल, ब्राउन फिश आउल, लेसर इयर्ड आउल, ब्राउन हॉक आउल, मॉटल्ड वुड आउल, पल्लिड्स स्कूप्स आउल, यूरेशियन स्कूप्स आउल दुर्लभ प्रजाति के पाए जाते है.,

 इंसानों को नहीं पहुंचाते है नुकसान

इस बारे में रक्षा एनजीओं के प्रतिनिधि ने बताया कि बॉर्नआउल प्रजाति के उल्लू विश्वभर में पाए जाते है.,वैसे ये उल्लू इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते है.  इनकी विभिन्न आवाज से इंसान जरूर डर जाता है.इन्होंने इन उल्लुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर पक्षियों के प्रति मानवता दिखाई है.क्योंकि पक्षियों के बिना प्रकृति का अस्तित्व नहीं है.

वहीं होटल मैनेजर कनोजिया ने लोगों से अपील की है कि पक्षी किसी भी प्रजाति का हो उन्हे मारे नहीं बल्कि उनकी रक्षा कर वन विभाग या वन्यजीव पक्षी प्रेमियों को सूचना देकर रेस्क्यू करवाएं.पक्षी है तो प्रकृति है और प्रकृति है तो आज इंसान जिंदा है.वन्यजीव और वन्यपक्षियों की रक्षा करे,प्रकृति को बचाएं.

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