Jaipur News : कांग्रेस-BJP की रार में किसका पलड़ा भारी, नेताओं पर FIR के बाद क्या जनता के बीच जाएगी कांग्रेस?
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Jaipur News : कांग्रेस-BJP की रार में किसका पलड़ा भारी, नेताओं पर FIR के बाद क्या जनता के बीच जाएगी कांग्रेस?

Jaipur News : पिछले छह महीने में प्रदेश की जनता ने दो चुनाव देखे. पहले विधानसभा तो फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हुए. विधानसभा चुनाव में सत्ता पलट गई. बाजी बीजेपी के हाथ लगी. तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी की क्लीन स्वीप की हैट्रिक पर कांग्रेस के स्पीड ब्रेकर के बावजूद. पलटा सत्ताधारी पार्टी का ही भारी रहा.

 

Rajasthan Politics

Jaipur : पिछले छह महीने में प्रदेश की जनता ने दो चुनाव देखे. पहले विधानसभा तो फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हुए. विधानसभा चुनाव में सत्ता पलट गई. बाजी बीजेपी के हाथ लगी. तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी की क्लीन स्वीप की हैट्रिक पर कांग्रेस के स्पीड ब्रेकर के बावजूद. पलटा सत्ताधारी पार्टी का ही भारी रहा. लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्साह से लबरेज कांग्रेस ने सड़क पर जनता के मुद्दे उठाने की कवायद भी शुरू कर दी. बिजली-पानी के साथ NEET परीक्षा का मुद्दा भी कांग्रेस के हाथ लग गया. राजधानी जयपुर के बाद प्रदेश की इण्डस्ट्रियल कैपिटल कोटा में भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. लेकिन यहां उल्टे बांस बरेली को हो गए. कांग्रेस का प्रदर्शन को सरकार को दबाव में लाने के लिए था. 

इस दौरान कोटा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शनकारियों ने दाखिल होने की कोशिश की. तो मामला थोड़ा उग्र भी हुआ.दोनों तरफ़ से आमने-सामने धक्के भी लेगे. वाटर कैनन भी चली. रही सही कसर बाद में पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष समते अन्य कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हुई एफआईआर ने पूरी कर दी. प्रदर्शन के दौरान चली वाटर कैनन तो अब शांत हो गई है. लेकिन इस FIR के बाद अब शब्द बाणों ने एक-दूसरे खेमों की तरफ़ निशाना करते हुए प्रत्यंचा खींच दी है.

प्रदेश में विधानसभा के सत्र से ठीक पहले खींची इस प्रत्यंचा की टंकार सदन में भी गूंज सकती है. लेकिन फिलहाल इसकी हल्की आहट नेताओं के बयानों. और ट्विटर वाली चिड़िया की चूं-चूं में सुनाई दे रही है. अब सवाल यह है कि क्या FIR के बाद कांग्रेस शांत हो जाएगी? सवाल यह कि क्या इस FIR के बाद कांग्रेस जनता के बीच जाएगी?

और सवाल यह कि क्या पुलिस सभी तरह के धरने-प्रदर्शन में होने वाली धक्का-मुक्की और वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद इस तरह FIR दर्ज कराती है? बहरहाल कोटा में कांग्रेस नेताओं पर हुई इस एफआईआर के बाद कांग्रेस के तेवर तल्ख हैं. पूर्व मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत कांग्रेस के नेता इसे गलत बता रहे हैं. पायलट ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के बजाय एफआईआर दर्ज कराकर साबित क्या करना चाहती है?

पीसीसी चीफ गोविन्द की भाषा पर उठाये सवाल 

उधर बीजेपी नेता मुकेश पारीक ने इस मामले में पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा की भाषा पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि डोटासरा अपनी पार्टी के ही नेताओं से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं. खीझ मिटाने के लिए ऐसी भाषा बोल रहे हैं. पारीक ने कहा कि सरकार को लॉ एण्ड ऑर्डर बनाये रखने के लिए जो उचित लगेगा, वह ज़रूर किया जाएगा.

कोटा में हुए घटनाक्रम के बाद चले बयानों के बाणों से यह साफ होता जा रहा है? कि इन शब्द बाणों के तीर दूर तक भी चलेंगे. और देर तक भी. लेकिन सवाल यह. कि क्या इन तीरों में. पूरे मामले का कोई समाधान निकालने जितनी मारक क्षमता भी है. या सब कुछ सिर्फ राजनीतिक और ज़ुबानी जमा-खर्च के लिए ही हो रहा है? कोटा में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद कोटा पुलिस ने कोंग्रेस नेताओं के खिलाफ कुल दो FIR दर्ज की है.

एक FIR, PCC चीफ गोविंद डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, हिंडौली विधायक अशोक चांदना, केशोरायपाटन विधायक सी एल प्रेमी,,पीपल्दा विधायक चेतन पटेल और अन्य के खिलाफ नयापुरा थाने में दर्ज की गई है. जिसकी जांच CID-CB द्वारा की जाएगी.

दूसरी FIR हैड कांस्टेबल शेर सिंह द्वारा दर्ज करवाई है. जिसमे शेर सिंह ने बताया कि उसकी ड्यूटी नयापुरा अदालत चौराहे पर थी. जहां लगभग 2 हजार लोगों की भीड़ उनकी तरफ आई. जिसे रोकने का प्रयास किया गया. लेकिन तभी कुछ लोगों ने उसकी पीठ पर मुक्का मार दिया. उसके साथ छीनाझपटी की और उसकी वर्दी खींच डाली.

जिसमे मुख्य रूप से कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल, शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, देहात जिला अध्यक्ष भानुप्रताप, पूर्व कांग्रेस विधानसभा प्रत्याशी नईमुद्दीन गुड्डू, सरपंच मोइजुद्दीन गुड्डू, डिप्टी मेयर पवन मीणा, सहित कुल 16 लोगों को नामजद किया गया है.

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