राजस्थान हाईकोर्ट ने किशनगढ़ के रीको फेज 6 के लिए याचिकाकर्ताओं से की गई भूमि अवाप्ति को सही मानने के एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने संबंधित भूमि को अवाप्ति से मुक्त करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश राम कंवार व अन्य की अपील पर दिए.
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Jaipur: अपील में अधिवक्ता सार्थक रस्तोगी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने किशनगढ़ में रीको औद्योगिक क्षेत्र के फेज 6 की स्थापना के लिए भूमि अवाप्ति की अधिसूचना जारी की थी. वहीं, याचिकाकर्ता की भूमि अवाप्ति को लेकर वर्ष 2013 में उद्घोषणा भी जारी की गई. वहीं, इसी बीच नया भूमि अवाप्ति अधिनियम लागू हो गया. जिसमें धारा 24(1) के अंतर्गत मुआवजा तय करने के साथ ही धारा 25 को भी लागू किया गया. धारा 25 के तहत राज्य सरकार को नए अधिनियम के प्रभावी होने की तिथि एक जनवरी 2014 से साल के भीतर अवॉर्ड पारित करना जरूरी है.
ऐसा नहीं करने पर अवाप्ति लैप्स हो जाती है. याचिकाकर्ताओं को नए अधिनियम की धारा 24(1) के तहत एक जुलाई 2015 को अवार्ड पारित किया गया. जबकि नए अधिनियम की धारा 25 के तहत याचिकाकर्ताओं को 31 दिसंबर 2014 तक अवार्ड जारी करना था.
ऐसा नहीं होने पर अवाप्ति लैप्स हो गई है. ऐसे में याचिकाकर्ता की भूमि को अवाप्ति से मुक्त किया जाए. अपील में यह भी कहा गया कि एकलपीठ ने भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया को नए अधिनियम के लागू होने से पहले का बताकर याचिका खारिज की है। जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि धारा 25 की मियाद उन सभी अवाप्ति के मामलों में लागू होगी, जिनमे धारा 24(1) के तहत अवार्ड पारित हुआ है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ का आदेश निरस्त करते हुए भूमि को अवाप्ति से मुक्त कर दिया है.
Reporter- Mahesh Pareek
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