सनातन धर्म को मजबूत करने जयपुर पहुंचे साधु संत, मथुरा और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर को वापस लेने की आवाज करेंगे बुलंद
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सनातन धर्म को मजबूत करने जयपुर पहुंचे साधु संत, मथुरा और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर को वापस लेने की आवाज करेंगे बुलंद

Jaipur News: छोटी काशी जयपुर में कल सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.अखिल भारतीय संत सम्मेलन में देश-विदेश के संतों की मौजूदगी में  मथुरा और काशी विश्वनाथ के लिए आवाज बुलंद की जाएगी.

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Jaipur News: छोटी काशी जयपुर में कल सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए साधु संत का जयपुर पहुंचना शुरू हो गया है। जवाहर नगर स्थित सभागार में होने वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द गिरी होंगे।

 कार्यक्रम को लेकर  गोवा के श्रीदत्त पदमनाथ धाम के संत स्वामी ब्रह्मेशानन्द ने बताया कि, कृष्ण जन्म स्थान (मथुरा) और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर (यूपी) को वापस लेने के लिए अखिल भारतीय संत सम्मेलन में देश-विदेश के संतों की मौजूदगी में आवाज बुलंद की जाएगी। इस दौरान वैश्विक स्तर पर सनातन धर्म को लेकर होने वाली चर्चा पर मंथन भी किया जाएगा। 

आज के दौर के सभी सनातनी मुद्दों पर खुलकर चर्चा की जाएगी, और सनातन धर्म को बचाने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाएं इस पर मंथन और चिंतन किया जाएगा। 

कार्यक्रम में देशभर समेत विदेश से भी संत महंत शिरकत करेंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से स्वामी कमलनयन दास, विश्वहिन्दू परिषद के कार्यकारी अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, अमेरिका से स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती, स्पेन से स्वामी उमेश योगी, कैलिर्फोनिया से स्वामी स्वात्मानन्द, इंग्लैण्ड से स्वामी राज राजेश्वर सहित अन्य संत महंत शिरकत करेंगे। 

विराटनगर पंचखण्ड पीठ के महंत आचार्य स्वामी सोमेन्द्र ने बताया कि आचार्य धर्मेंद्र की स्मृति में राष्ट्र गौरव सम्मान अलंकरण हर साल एक राष्ट्रीय संत को प्रदान किया जाएगा। इस साल यह सम्मान संत पदमश्री स्वामी ब्रह्मेशानन्द को मिलेगा। सनातन धर्म पर इतने प्रहार किए गए फिर भी हम धर्म की शक्ति से टिके रहे। संतों का संकल्प कभी अधूरा नहीं रहता। अयोध्या की तरह मथुरा और काशी भी मुक्त कराएंगे। स्वामी सोमेन्द्र ने बताया कि इस दौरान एक सप्ताह तक ब्रह्मलीन राष्ट्रसंत आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के स्मृति धर्मोत्सव का भी आगाज होगा। गो रक्षा और गौ सेवा के विषय पर भी चर्चा की जाएगी।

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