दल-बदल पर जयराम रमेश की खरी-खरी, कहा- पार्टी से कोई जाए तो वापस नहीं लेना चाहिए
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दल-बदल पर जयराम रमेश की खरी-खरी, कहा- पार्टी से कोई जाए तो वापस नहीं लेना चाहिए

राजनीतिक पार्टियों में आजकल दल-बदल आम बात हो गई है, लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश इसे सही नहीं मानते हैं. जयराम रमेश ने कहा कि किसी भी पार्टी के टिकिट पर चुनाव जीतने के बाद उसे छोड़कर दूसरे दल में नेता का चले जाना गलत है. उन्होंने इस रवैये को गलत बताते हुए इसे निन्दनीय भी बताया है.

दल-बदल पर जयराम रमेश की खरी-खरी, कहा- पार्टी से कोई जाए तो वापस नहीं लेना चाहिए

जयपुर: राजनीतिक पार्टियों में आजकल दल-बदल आम बात हो गई है, लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश इसे सही नहीं मानते हैं. जयराम रमेश ने कहा कि किसी भी पार्टी के टिकिट पर चुनाव जीतने के बाद उसे छोड़कर दूसरे दल में नेता का चले जाना गलत है. उन्होंने इस रवैये को गलत बताते हुए इसे निन्दनीय भी बताया है. लेकिन वे सिर्फ यहीं तक नहीं रूके, बल्कि जयराम रमेश ने तो यहां तक कहा कि ऐसे लोग अगर पार्टी में वापस आना चाहें तो उन्हें वापस भी नहीं लेना चाहिए.

राजनीति में नेता मौके के चौके लगाने के लिए तत्पर दिखते हैं और चुनावों से ठीक पहले या नतीजों के बाद ऐसी हलचल ज्यादा देखने को मिलती है. अब तो यह अवसरवादिता भी राजनीति में एक संस्कार की तरह मानी जाने लगी है. लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम रमेश इस रवैये को बिल्कुल गलत मानते हैं. यूं तो कांग्रेस के साथ ही दूसरी पार्टियों के नेता भी इस तरह दल-बदल को कई बार गलत बता चुके हैं, लेकिन जयरारम रमेश तो एक कदम बढ़कर यहां तक कहते हैं कि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को वापस दल में शामिल ही नहीं किया जाना चाहिए. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान के बूंदी में जयराम रमेश के इस बयान के बाद कार्यकर्ताओं में चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर जयराम रमेश का इशारा किसकी तरफ़ था?

पिछले दो साल में कई बड़े नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का दामन

पिछले दो साल में कांग्रेस पार्टी के कई पुराने नेताओं ने ग्रेन्ड ओल्ड पार्टी से अपना दामन छिटक लिया. इस लिस्ट में पिछले दिनों पार्टी छोड़ने वाले गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल से लेकर पंजाब के पूर्व सीएम अमरिन्दर सिहं, पूर्व पीसीसी चीफ सुनील जाखड़, पूर्व मन्त्री अश्वनी कुमार के साथ ही कई युवा चेहरे भी शामिल हैं.

युवा चेहरों की बात करें तो राहुल गांधी की टीम में शामिल और उनके करीबी रहे नेताओं में से ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, हार्दिक पटेल, जयवीर शेरगिल, कुलदीप विश्नोई और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही सुष्मिता देव जैसे पहचान बनाने वाले चेहरे कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ चुके हैं. अलग-अलग समय पर पार्टी छोड़ते हुए इन नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के तौर-तरीकों के साथ ही मुद्दों को डील करने में पार्टी के प्रमुख नेताओं की अप्रोच पर भी सवाल उठाये. किसी ने पार्टी नेताओं की तरफ़ से समय नहीं मिलने पर नाराज़गी जताते हुए पार्टी से दूर जाने का फ़ैसला किया तो किसी ने राज्य सभा में दोबारा मौका नहीं मिलने के बाद पार्टी का दामन छिटक दिया. कुछ नेता तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक पर भी सवाल उठाने से नहीं चूके.

दलबदल गलत, वापसी भी गलत, लेकिन परिस्थितिजन्य होते हैं फैसले - रमेश
जयराम रमेश ने दल-बदल को गलत और निन्दनीय बताया साथ ही घर वापसी भी गलत बता दी. रमेश ने तो साफ कह दिया कि ऐसे नेताओं को पार्टी में वापस आने का प्रयास करने पर भी शामिल नहीं करना चाहिए. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कई बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि कुछ नेता घर वापसी करते हैं तो उन्हें पार्टी में शामिल करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कई बार कुछ मजबूरी भी हो जाती है जिसके कारण नेताओं को वापस लेना पड़ता है.

बीजेपी ने उठाये सवाल, पूछा - बसपा से विधायक किसने तोड़े?

जयरारमेश ने दल-बदल को गलत और निन्दनीय बताते हुए पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को वापस नहीं लिये जाने की पैरवी तो कर दी लेकिन बीजेपी ने उनके इस बयान पर राजस्थान में आईना दिखाने की कोशिश की है. बीजेपी नेता पंकज मीणा ने कहा कि दल-बदल गलत बताने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता को राजस्थान सरकार की तरफ़ भी देखना चाहिए. मीणा ने कहा कि राजस्थान में भी कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी के पूरे विधायक दल को ही अपनी पार्टी में शामिल कर लिया. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को कम से कम बसपा से आए विधायकों को तो मुक्त करके अपनी कथनी और करनी में तालमेल दिखाना चाहिए.

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