Rajasthan News: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में जल्द ही ठेकेदार और इंजीनियर्स CBI के शिकंजे में आएंगे. सीबीआई ने 900 करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी. अब ऐसे में पीएचईडी के कई इंजीनियर्स और ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ने वाली है.
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Jaipur News: राजस्थान के जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई के एंट्री के बाद पीएचईडी में खलबली मच गई है. 3 मई को सीबीआई ने केस दर्ज करने के बाद पदमचंद और महेश मित्तल के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. सीबीआई की टीम महेश मित्तल के शाहपुरा आवास पर पहुंची. जहां उन्हें पानी के बिल से मुरलीपुरा के बैंक कॉलोनी का एड्रेस मिला. इसके बाद सीबीआई मुरलीपुरा आवास पर पहुंचकर सर्च किया. टीम ने सभी ठिकानों से दीवारे खंगाली, पानी के टैंक खंगाले और बैड्स को चेक किया.
एसीबी की रेड से महेश मित्तल चल रहा है फरार
सीबीआई ने 6 मई को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ठेकेदारों के ठिकानों पर सर्च किया. सीबीआई की टीम ने पोलोविक्ट्री स्थित पदमचंद जैन के आवास पर सर्च किया था. हालांकि महेश मित्तल सीबीआई की टीम को नहीं मिला. महेश मित्तल एसीबी की रेड से फरार चल रहा है. सूत्रों की मानें, तो मित्तल तब से अब तक बैंक कॉलोनी स्थित मित्तल सदन तक नहीं पहुंचा.
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— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) May 11, 2024
जगतपुरा प्रोजेक्ट में लगाया था फर्जी सर्टिफिकेट
सीबीआई ने इरकॉन के फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में एफआईआर दर्ज की है. ये फर्जी सर्टिफिकेट जगतपुरा प्रोजेक्ट में लगाया गया था. ऐसे में अब सीबीआई आने वाले दिनों में सर्च और पूछताछ कर सकती है. इसके अलावा पीएचईडी से टैंडर से जुड़े इनपुट भी मांग सकती है. यानि आने वाले दिनों में गणपति और श्री श्याम फर्म के साथ-साथ दूसरी फर्मों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
रिपोर्टर- आशीष चौहान
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