जाट आरक्षण: करीब 18 दिन का समय जाट समाज द्वारा महापड़ाव को हो चुका है, लेकिन भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पांच सदस्य कमेटी बनाए जाने पर भी केंद्र सरकार की ओर से अभी तक बातचीच की कोई खबर सामने नहीं आई है.
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Rajasthan Jat Reservation : धौलपुर और भरतपुर जाट समाज की ओर से शनिवार को अलग-अलग जगहों पर दो महापंचायतों का आयोजन होगा. उच्चैन उपखंड के गांव जयचोली में केंद्र की सरकारी सेवाओं में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज ने 17 जनवरी से महापड़ाव डाला हुआ है.
करीब 18 दिन का समय इस महापड़ाव को हो चुका है, लेकिन भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पांच सदस्य कमेटी बनाए जाने पर भी केंद्र सरकार की ओर से अभी तक बातचीच की कोई खबर सामने नहीं आई है. इसी वजह से शनिवार को भरतपुर और जयचोली गांव में अलग अलग जाट समाज के लोगो की महापंचायत का आयोजन हुआ. हालांकि अगर बात नहीं बनती है तो जाट समाज की ओर से चक्काजाम किया जा सकता है.
बता दें कि धौलपुर के जाट वर्ग की आरक्षण से जुड़ी मांगों को लेकर सचिवालय में जनवरी में बैठक हुई थी. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और कमेटी में शामिल शैलेष सिंह ने बैठक की थी. इसमें यह तय किया गया था कि तमाम मांगों को लेकर कमेटी में शामिल अन्य मंत्रियों और सदस्यों अविनाश गहलोत, मंत्री जवाहर सिंह और विधायक जगत सिंह बताया जाएगा.
आपको बता दें कि भरतपुर और धौलपुर जिलों के साथ अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने दिया था. केंद्र में भाजपा की 2014 में सरकार बनी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया. 23 अगस्त 2017 को पूर्ववर्ती वसुंधरा राज मेंलंबे संघर्ष के बाद दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया. हालांकि लेकिन केंद्र ने यह आरक्षण नहीं दिया गया.