झुंझुनूं के पिलानी स्थित सीएसआईआर-सीरी में नाइट्रोजन जनरेशन के लिए लगाया गया प्लांट कोरोनाकाल में अब बीडीके अस्पताल (BDK Hospital) के लिए काम आएगा.
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Jhunjhunu : राजस्थान के झुंझुनूं के पिलानी स्थित सीएसआईआर-सीरी में नाइट्रोजन जनरेशन के लिए लगाया गया प्लांट कोरोनाकाल में अब बीडीके अस्पताल (BDK Hospital) के लिए काम आएगा. सीरी के वैज्ञानिकों ने इसमें कुछ तकनीक का बदलाव करके अब इसे आक्सीजन जनरेशन प्लांट बना दिया है. जिसको बीडीके की आपातकालीन इकाई के पास इंस्टॉल भी कर दिया गया है, लेकिन जिला कलेक्टर यूडी खान के निर्देश पर इस प्लांट से एक आक्सीजन सिलेंडर उदयपुर की सरकारी लैब में भिजवाकर चैक किया जाएगा कि इस प्लांट की आक्सीजन (Oxygen ) मरीजों के लिए सही है.
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इसके बाद ही इसको बीडीके अस्पताल में काम लिया जाएगा. सीरी से आए प्रधान वैज्ञानिक अशोक चौहान ने बताया कि सीरी ने आक्सीजन की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया है. यह प्लांट 75 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन जनरेशन कर सकेगा. जिसकी सीधी सप्लाई बीडीके की एमरजेंसी यूनिट में लगे आक्सीजन मेनिफोल्ड में दी जाएगी. जहां से एमरजेंसी में आने वाले मरीजों को जितनी आक्सीजन चाहिए. उतनी आक्सीजन मिल सकेगी.
बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि नाइट्रोजन से आक्सीजन जनरेशन में परिवर्तित किए गए इस प्लांट से बनी आक्सीजन (Oxygen) को गुरूग्राम की एक कंपनी ने हरी झंडी दे दी है. जिसकी शुद्धता 95 प्रतिशत आई है, लेकिन जिला कलेक्टर यूडी खान के निर्देश पर ड्रग कंट्रोलर के जरिए एक सिलेंडर जांच के लिए उदयपुर भिजवाया जाएगा. जहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही इस प्लांट की आक्सीजन काम में ली जाएगी. इससे पहले सीरी ने पूरा प्लांट बीडीके अस्पताल भेजा. इसके बाद दिनभर तकनीकी टीम ने इसे एमरजेंसी के बाहर इंस्टॉल किया. इस प्लांट के शुरू होने के बाद बीडीके की एमरजेंसी में आक्सीजन का दबाव बिल्कुल नहीं रहेगा. डॉ. बाजिया के मुताबिक इस प्लांट की कैपेसिटी 15 डी टाइप सिलेंडर है.
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