किरोड़ीलाल मीणा और सतीश पूनिया में दुश्मनी की ये है असली वजह, 10 साल पुराना किस्सा
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किरोड़ीलाल मीणा और सतीश पूनिया में दुश्मनी की ये है असली वजह, 10 साल पुराना किस्सा

Kirodilal meena Vs Satish Poonia : किरोड़ीलाल मीणा ने पेपर लीक पर चल रहा धरना 12 दिन बाद खत्म किया तो राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर आरोप लगाया. कहा- मुझे उनका साथ नहीं मिला. मुझे निराशा हुई. आखिर दोनों नेताओं में अदावत की क्या है असल वजह.

किरोड़ीलाल मीणा और सतीश पूनिया में दुश्मनी की ये है असली वजह, 10 साल पुराना किस्सा

Rajasthan politics news : राजस्थान बीजेपी में कभी सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे गुट आमने सामने होने की कहानियां चलती है तो कभी गजेंद्र सिंह शेखावत और राजे की शीतयुद्ध के किस्से जयपुर से लेकर सुदूर गांवों तक चलते है. इन दिनों राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और सतीश पूनिया के बीच अदावत की चर्चाएं है. REET और सैकंड ग्रेड टीचर भर्ती में समेत तमाम परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले में किरोड़ीलाल मीणा ने धरना खत्म किया सतीश पूनिया को निशाने पर लिया. मीणा ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष से निराशा हाथ लगी. वो कहकर गए थे कि पार्टी का युवा मोर्चा पूरी ताकत से प्रदर्शन करेगा लेकिन हमें उनका साथ नहीं मिला.

किरोड़ीलाल मीणा Vs सतीश पूनिया

सतीश पूनिया को जब राजस्थान बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. तो उसके बाद से ही किरोड़ीलाल मीणा को धीरे धीरे साइडलाइन करने की चर्चाएं होने लगी. बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी में न उनको जगह मिली और न ही बीजेपी कोर ग्रुप में उनको शामिल किया गया. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वी राजस्थान में हुआ था. इस इलाके में मीणा वोटर निर्णायक होते है. लेकिन फिर भी किरोड़ीलाल को कोर ग्रुप में जगह नहीं दी गई.

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किरोड़ीलाल मीणा अक्सर ये भी आरोप लगाते है कि उनको पार्टी प्रदेश ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस की इजाजत भी नहीं मिलती है. शंभु पुजार प्रकरण में लाश लेकर सीएम आवास तक पहुंच गए. वहां धरना शुरु किया. लेकिन पार्टी की तरफ से उनको साथ नहीं मिला. मीणा पेपर लीक से लेकर आदिवासी बच्चियों की खरीद मामलों के साथ साथ शंभु पुजारी प्रकरण समेत कई मामलों में राज्य सरकार को घेर चुके है. लेकिन उनके प्रदर्शन को प्रदेश बीजेपी का साथ नहीं मिला.

राजस्थान कांग्रेस नेताओं के बयान

इस मामले में कांग्रेस नेता भी बीजेपी पर निशाना साधने से नहीं चूकते. हाल ही में प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा था कि असली विपक्ष किरोड़ीलाल मीणा है या बीजेपी. आंदोलनों के मामले में कांग्रेस के कई नेता भी मीणा की तारीफ कर चुके है.

जयपुर का आमेर है अदावत की वजह

किरोड़ीलाल मीणा और सतीश पूनिया की अदावत समझने के लिए हमें 2013 के विधानसभा चुनाव में जाना होगा. साल 2008 में बीजेपी से निकाले जाने के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने अलग पार्टी बनाई. राजपा के टिकट पर प्रदेश की कई सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. इसी कड़ी में जयपुर की आमेर सीट से किरोड़ीलाल ने नवीन पिलानिया को मैदान में उतारा. ये वो चुनाव थे जब मोदी लहर में राजस्थान में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. यहां किरोड़ीलाल ने सतीश पूनिया के खिलाफ चुनाव प्रचार किया. परिणाम ये रहा कि सतीश पूनिया को हार का सामना करना पड़ा. राजनीतिक गलियारों में लोग इस बात की चर्चा करते है कि पूनिया शायद 2013 में हुई हार के बाद से ही किरोड़ीलाल से अदावत पाले हुए है.

पीएम मोदी की रैली रद्द !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली 12 फरवीर को दौसा में मीणा हाईकोर्ट में होनी थी. इसके लिए संबंधित अधिकारियों ने वहां पहुंचकर तैयारियां भी शुरु कर दी थी. लेकिन अब बताया जा रहा है कि मीणा हाईकोर्ट में होने वाली रैली को रद्द कर दिया गया है. राजनीतिक गलियारों में इसके पीछे भी सतीश पूनिया से चल रही किरोड़ीलाल मीणा की अदावत को ही बताया जा रहा है. सूत्रों का ये भी कहना है कि धरने के बीच एक दिन के लिए दिल्ली गए मीणा ने पीएमओ ऑफिस और नितिन गडकरी ऑफिस तक ये सारी जानकारी भी पहुंचा दी है.

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