लॉयनेस तारा की जोड़ी अब रह गई अधूरी, जानिए कैसे हुई जंगल के राजा की मौत
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लॉयनेस तारा की जोड़ी अब रह गई अधूरी, जानिए कैसे हुई जंगल के राजा की मौत

जयपुर न्यूज: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में शेर जीएस की मौत होने से लॉयनेस तारा की जोड़ी अब अधूरी रह गई है. पिछले साढ़े 3 साल में एक दर्जन वन्यजीवों की मौत हुई है.

लॉयनेस तारा की जोड़ी अब रह गई अधूरी, जानिए कैसे हुई जंगल के राजा की मौत

 

जयपुर: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में एशियाटिक शेर जीएस की मौत हुई है. करीब 6 माह पहले ही शेर को ब्रीड लोन पर जोधपुर से जयपुर लाया गया था. पिछले साढ़े तीन साल में यहां एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीवों की मौत हो चुकी है.

नाहरगढ़ जैविक उद्यान से एक बार फिर बुरी खबर है. बुधवार सुबह यहां लॉयन सफारी के एनक्लोजर में एशियाटिक शेर जीएस संदिग्ध हालत में मृत पाया गया. पिछले साढ़े 3 साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीवों की मौत हो चुकी है. इससे जिम्मेदारों की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं. बताया जा रहा है कि जीएस 8-10 दिन से बीमार चल रहा था. उसने खाना पीना भी छोड़ दिया था. फरवरी में ही जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान से शेरनी तारा की जोड़ी बनाने के लिए लाया गया था. उसकी मौत के साथ ही अब कुनबा बढ़ने की उम्मीद पर फिर से ग्रहण लग गया है.

दूसरी ओर जिम्मेदार भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं. इस मामले में वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ अरविंद माथुर का कहना है कि जीएस के सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए हैं. साथ ही पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा. प्रथम दृष्टया मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है. हालांकि कुछ दिन पहले जीएस के रक्त, मल-मूत्र के सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए थे. इसके बाद पांचबत्ती स्थित पॉली क्लीनिक के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया जा रहा था.

तारा की जोड़ी रह गई अधूरी

- आज सुबह अचानक हुई शेर जीएस की मौत
- ब्रीडिंग के लिए लाया गया था जोधपुर से जयपुर

- लॉयनेस तारा की जोड़ी अब रह गई अधूरी
- इससे पहले जोधपुर से शेर कैलाश को भी लाए थे जयपुर

- उसकी भी यहां बीमारी के चलते हो गई थी मौत
- जीएस को ब्रीड लोन पर लाए थे, अवधि हो गई थी पूरी

- अब उसे वापस भेजा जाना था जोधपुर, लेकिन उससे पहले हुई मौत

वन विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यहां पर पिछले साढ़े तीन साल में एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीवों की मौत हुई है. शेर कैलाश, शेरनी सुजैन, बाघ राजा, बाघिन सीता, पैंथर शिवा, सफेद बाघ चीनू, बाघिन शावक रिद्धि, शावक रूद्र समेत एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीवों की मौत हो चुकी है. उनकी मौत का कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है. हर बार एक ही बहाना बनाया जा रहा है कि वन्यजीव ने अचानक खाना पीना छोड़ दिया और फिर मौत हो गई. नाहरगढ़ जैविक उद्यान को लेकर वन विभाग लगातार अनदेखी कर रहा है. हालात यह है कि यहां एसीएफ का पद ही रिक्त है. जिसके चलते मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है. यहां रेंजर को एसीएफ का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है. जबकि वो चिड़ियाघर अधीक्षक हैं. दोनों महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालना उनके लिए चुनौती बनी हुआ है. वहीं जयपुर वन्यजीव के डीएफओ संग्राम सिंह कटियार भी टूर पर गए हुए हैं. ऐसे में जैविक उद्यान रामभरोसे चल रहा है.

रिपोर्टर-काशीराम चौधरी

 

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