Jaipur: बहरीन के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, 140 देशों की संसदों के अध्यक्षों को किया संबोधित
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Jaipur: बहरीन के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, 140 देशों की संसदों के अध्यक्षों को किया संबोधित

Jaipur News: बहरीन के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आईपीयू की सभा को संबोधित करते हुए कहा की. भारत समृद्ध बहुलतावादी संस्कृति और विशालतम संविधान वाला देश है. उन्होने कहा की बहुदलीय विचारधारा हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत, 75 वर्षों में समृद्ध और सशक्त हुआ है.

Jaipur: बहरीन के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, 140 देशों की संसदों के अध्यक्षों को किया संबोधित

Jaipur News: ओम बिरला ( OM BIRLA ) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की पूरी दुनिया में मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत की पहचान है. भारत समृद्ध बहुलतावादी संस्कृति और विशालतम संविधान वाला देश है. भारत में बंधुत्व, शांति, स्वतंत्रता,सामाजिक-आर्थिक न्याय हमारे संविधान के आधार पर है. भारत अनेक धर्मों की जन्मस्थली, यहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं साथ वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति हमारे अस्तित्व का आधार है. भारत का संविधान समता और न्याय को बढ़ावा देता है. हमें अपनी विविधता पूर्ण संस्कृति पर गर्व है. 

और उन्होने कहा की बहुदलीय विचारधारा हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत, 75 वर्षों में समृद्ध और सशक्त हुआ है भारत का लोकतंत्र, भारत में लिस्टेड हैं 900 मिलियन से अधिक मतदाता हर चुनाव में मतदान बढ़ाना लोकतंत्र में लोगों के विश्वास का संकेत है. 

ओम बिरला ने कहा की 75 वर्षों में लोगों में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आई है 
ओम बिरला ( OM BIRLA ) ने यह भी  कहा की संसद में जनप्रतिनिधियों के जरिए होती है. जनता की आशाओं-अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति. लोक सभा में सभी जनप्रतिनिधियों को अपने मत और विचार रखने की आजादी. 75 वर्षों में लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाई है. संसद सबका साथ, सबका विकास, सबका साथ, सबका प्रयास की भावना से हो रहा. भारत में काम बदलते परिपेक्ष्य में शांतिपूर्ण तरीके से हो वैश्विक विषयों का समाधान. संसद में जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, कोविड जैसे विषयों पर हुई सार्थक चर्चा

समय की आवश्यकता है की शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी वैश्विक व्यवस्था का निर्माण हो
शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी वैश्विक व्यवस्था का निर्माण समय की आवश्यकता इसके लिए जरूरी है कि समानता और न्याय पर आधारित हों वैश्विक संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार लाने की आवश्यकता. दुनिया के विभिन्न देशों की इसमें व्यापक सहमति महत्वपूर्ण मामले पर गंभीरता और ईमानदारी से आगे बढ़ाना होगा. UNSC में सुधार की प्रक्रिया को हमेशा के लिए रोका नहीं जा सकता हमारे लिए भावी वैश्विक एजेंसडा का यह सुधार महत्वपूर्ण भाग है.

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