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Jaipur/ Delhi : डीजीपी बनने के बाद उमेश मिश्रा पहली बार दिल्ली स्थित 8वीं आरएसी बटालियन पहुँचकर निरीक्षण किया. किसी भी डीजीपी की 8वीं RAC बटालियन में पहली विजिट थी. डीजीपी ने संपर्क सभा के माध्यम से बटालियन के जवानों की ज़रूरतों और समस्याओं को जाना. विजिट के बाद डीजीपी मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में जवानों को 2P ( प्रॉम्टनेस, पोलाइटनेस) फार्मूला का मैसेज दिया. प्रदेश में बजरी माफ़ियाओं को कंट्रोल करने, साइबर अपराध को रोकना और संगठित अपराध लगाम कसने का दिलाया भरोसा.
'वीकली ऑफ का हूँ पक्षधर'
डीजीपी मिश्रा ने कहा कि मेरे लिए ख़ुशी की बात है. मेरे जवानों और अधिकारियों के साथ आ कर अच्छा लगा. संपर्क सभा के माध्यम से जवानों की समस्याओं को जाना और समाधान किया किया. जवानों के खाने रहने सहित बुनियादों सुविधाओं को देखा. पुलिस कार्मिकों के वीकली ऑफ के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि यह अच्छा वेलफेयर मेजर होगा. मैं ख़ुद इस बात का पक्षधर हूँ कि वीकली ऑफ मिले.
साइबर पुलिस स्टेशन खोलने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि आजकल आईटी के जमाने में सामान्य थानों में साइबर मामलों पर ज़्यादा काम हो नहीं पाता है. इसलिए आईटी में इंटरेस्ट रखने वाले जवानों और तकनीकी एक्सपर्ट लोगों को साइबर थानों में लगाया जाएगा. हालाँकि इन थानों में नफरी कम होगी लेकिन सेपरेट काम से मामलों को निपटाने में सहयोग मिलेगा. साइबर थाने खोलने का नोटिफिकेशन हो गया है. अच्छी शुरुआत हो गई है. अब साइबर थानों में लीगली केस रजिस्टर होने शुरू हो जाएँगे. जवानों को ट्रेनिंग देंगे. जयपुर में केंद्रीय स्तर एजेंसी होगी जिसमें एक्सपर्ट पैचीदा मामलों को सॉल्व करेंगे.
अनिवार्य FIR से बढ़े आंकड़े
महिला उत्पीड़न मामलों में राजस्थान की स्थिति पर डीजीपी ने कहा कि मामले दर्ज होना और अनिवार्य FIR पॉलिसी के कारण आँकड़ों में काफ़ी बढ़ोतरी ज़रूर नज़र आती है लेकिन असल में उनमें से लगभग आधे मामले जाँच में झूठे पाये जाते हैं. इस लिहाज़ से देखा जाये तो उत्पीड़न के केस इतने नहीं हैं. यह केवल आँकड़ो का मायाजाल जाल है इसको थोड़ा गहराई में जाकर समझने की ज़रूरत है.
संगठित अपराध के मामलो पर डीजीपी ने कहा कि किसी भी समाज में कॉम्पलेक्सिटी, शहरीकरण और इकोनॉमिक एक्टिविटी बढ़ने के साथ क्राइम का बढ़ना स्वाभाविक है. हमने अधिकतर क्रीमनल्स को जेल में डाला हुआ है. लेकिन हमारे सिस्टम को भी इसी अनुपात में और डेवलप करना पड़ेगा. फिर भी राजस्थान पुलिस हर अपराध को कंट्रोल करने में सक्षम है.
अन्य राज्यों के अपराधियों की पनाहगाह बन रहा राजस्थान के सवाल पर डीजीपी मिश्रा ने कहा किपता नहीं यह धारणा किसने फैलाई है. बाहरी राज्य के क्रीमिनल की ज़िम्मेदारी हमारी नहीं होती. लेकिन अपराधियों की यह रणनीत रहती है एक राज्य में अपराध करके दूसरे राज्यों में छुप जाना. हमारे यहाँ के अपराधी दूसरे राज्यों में पनाह ले लेते हैं और वहाँ के अपराधी यहाँ आकर. लेकिन सभी राज्यों की पुलिस एक दूसरे की मदद करके हर प्रकार के अपराधियों पकड़ती है.
बजरी माफियाओं पर लगाम लगाना पैचीदा मामला
बजरी माफियाओं पर लगाम और क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के सवाल पर मिश्रा ने कहा कि यह एक पैचीदा मामला है. बजरी आजकल हरेक के लिए बुनियादी ज़रूरत हो गई है. हालाँकि यह हमारा बेसिक काम नहीं है, माइनिंग डिपार्टमेण्ट का काम है. फिर भी पुलिस सहयोगी के तौर पर कॉर्डिनेटेड वे में सपोर्ट कर रही है. लेकिन यह हक़ीक़त है ये बहुत बड़ी समस्या है, इसको नकारा नहीं जाता. पुलिस की छवि कई तरह से ख़राब होती है. पुलिस का मूल काम अनुसंधान करना है. भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए. पुलिस का व्यवहार अच्छा होना चाहिये.
पुलिस जवानों को अपने संदेश में डीजीपी ने कहा कि पुलिस एक सेवा है. हमें सेवा भाव से काम करना चाहिए. मूल काम अनुसंधान है उस पर हमारा फ़ोकस होना चाहिए. हमारी भयमुक्त समाज और अपराधियों में डर की परिकल्पना रहती है. हर एक जवान की भूमिका महत्त्वपूर्ण है. मेरा सभी जवानों से यही कहना है कि प्रोम्ट रिस्पांस, पोलाइट रिस्पांस से ही पुलिस की छवि अच्छी हो सकती है.
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