Rajasthan में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी, सीएम गहलोत ने डॉक्टर्स से की अपील कहा- जनहित में खत्म करें हड़ताल
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Rajasthan में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी, सीएम गहलोत ने डॉक्टर्स से की अपील कहा- जनहित में खत्म करें हड़ताल

Rajasthan: RTH को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल पर सीएम अशोक गहलोत गंभीर हैं. RTH पर उच्च स्तरीय बैठक के लिए दिल्ली से जयपुर लौटे सीएम.जयपुर लौटते ही शुरू की चिकित्सा मंत्री व उच्च अधिकारियों के साथ बैठक.मुख्य सचिव को डॉक्टरों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए.रात 10 बजे मुख्य सचिव और अन्य उच्च अधिकारी करेंगे डॉक्टरों के साथ बैठक.

 

Rajasthan में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी, सीएम गहलोत ने डॉक्टर्स से की अपील कहा- जनहित में खत्म करें हड़ताल

Rajasthan: राज्य सरकार का ध्येय है कि राजस्थान का कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में कष्ट ना पाए. प्रदेश का हर व्यक्ति इलाज के खर्च से चिंतामुक्त हो और उसे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो. इसी मानवीय सोच के साथ हमारी सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम (RTH) लागू किया है.यह गौरव का विषय है कि ऐसा कदम उठाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है.

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना,निरोगी राजस्थान और चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं का धरातल पर सफल क्रियान्वयन होने से राजस्थान आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है. इसमें राज्य सरकार की नीतियों और निर्णयों के साथ-साथ चिकित्सक समुदाय का अहम योगदान है. हमारा कोरोना प्रबंधन देश-दुनिया में मिसाल कायम कर सका.इसमें भी चिकित्साकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो आम जन को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में कारगर होंगे। इस अधिनियम की भावना है कि आम जन को राहत तो मिले ही, चिकित्सक समुदाय को भी किसी तरह की परेशानी नहीं हो. इस विधेयक से जुड़ी शंकाओं के निवारण और सुधार के लिए चिकित्सकों की मांग पर इसे सलेक्ट कमेटी को भेजा गया था. उनकी सभी शंकाओं का निवारण करने के उपरांत यह विधेयक विधानसभा में लाया गया और पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने सर्व सम्मति से इसे पारित किया.

अधिनियम को लेकर ऐसी भ्रामक चर्चाएं हैं कि निजी चिकित्सा संस्थानों पर नौकरशाही का अनावश्यक नियंत्रण बढ़ेगा। चिकित्सक और मरीज के रिश्ते प्रभावित होंगे, जिला और राज्य स्तर की समितियां चिकित्सकों को परेशान करेंगी और निजी अस्पतालों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। जबकि अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान शामिल नहीं किया गया है, जो निजी अस्पतालों एवं चिकित्सकों के हितों के विरुद्ध हो.

राज्य सरकार चिकित्सकों की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ हल करने के लिए हमेशा कटिबद्ध है। मेरी चिकित्सा जगत से विनम्र अपील है कि वे जनता से जुड़े इस ऐतिहासिक कानून को लागू करने में अपना सहयोग प्रदान करें. चिकित्सकों के आंदोलन के कारण हजारों मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है इसलिए मैं चिकित्सक समुदाय से अपील करता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कार्य बहिष्कार व हड़ताल समाप्त करें.

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