राजस्थान: वेतन विसंगति पर आक्रोश, प्रदेश की जेलों में 13 जनवरी से मेस बहिष्कार का ऐलान
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1519812

राजस्थान: वेतन विसंगति पर आक्रोश, प्रदेश की जेलों में 13 जनवरी से मेस बहिष्कार का ऐलान

 प्रदेश में जेल प्रहरियों ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर ब्लैक डे के बाद अब अन्न त्यागने का निर्णय लिया है. राज्य की जेलों में प्रहरियों ने 13 जनवरी से मैस का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

राजस्थान: वेतन विसंगति पर आक्रोश, प्रदेश की जेलों में 13 जनवरी से मेस बहिष्कार का ऐलान

जयपुर: प्रदेश में जेल प्रहरियों ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर ब्लैक डे के बाद अब अन्न त्यागने का निर्णय लिया है. राज्य की जेलों में प्रहरियों ने 13 जनवरी से मैस का बहिष्कार करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रहरियों की लम्बे समय से चली आ रही वेतन विसंगति दूर करवाने की मांग की है.

राजस्थान में 100 से ज्यादा जेल हैं, इनमें सेंट्रल जेल, जिला, महिला और सब जेल शामिल है. इनमें 3000 से अधिक महिला व पुरुष प्रहरी काम कर रहे हैं. ये जेल कर्मचारी लम्बे समय से वेतन विसंगति सहित दूसरी कई मांग सरकार से कर रहे हैं. जेलकर्मियों ने 30 दिसम्बर को काली पट्टी बांधकर सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद भी मांगे नहीं मानने पर मैस का संपूर्ण बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी. इस कड़ी में जेल प्रहरियों ने 13 जनवरी से अनिश्चित कालीन मैस बहिष्कार की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें: हनुमान बेनीवाल का सीएम पर बड़ा हमला, कांग्रेस सरकार के दलाल करवाते हैं राजस्थान में पेपर लीक

इस बार कर्मचारी महासंघ का सहारा 
जेल प्रहरी इस बार अपना आंदोलन राजस्थान कर्मचारी महासंघ के बैनर तले शुरू कर रहे हैं. राज्यों की सभी जेलों पर मैसेज करवाया गया कि जेल कार्मिकों द्वारा सामूहिक रूप से ड्यूटी करते हुए अन्न का त्याग कर अनुशासन में रह कर अनिश्चितकालीन समय तक मैस का बहिष्कार किया करेंगे. जेल प्रहरी यों का कहना है कि बिना किसी आश्वाशन के 24 साल पुरानी समस्या का ठोस समाधान लेकर रहेंगे. हम सब एकजुट होकर हमारी मांग को पुरजोर तरीके से रखेंगे. बस एक ही मांग, ग्रेड पे हो जेल RAC के समान होना चाहिए.

भूखे पेट रहकर गणतंत्र दिवस की परेड में होंगे शामिल
राज्य के सभी प्रहरी और मुख्य प्रहरी बहुत ही आक्रोशित है, पीछे हटने वाले नही हैं. यहां तक 26 जनवरी की राज्य स्तर की परेड में शामिल होने वाले जेल की सभी प्रहरी भूखे रहेगें. अन्न का त्याग करके परेड में हिस्सा लेंगे चाहे चक्कर खाकर गिरना ही पड़े. हम हमारे कर्तव्य पालन के पीछे नही हटेंगे, लेकिन खाना नहीं खाएंगे.

जेल प्रहरी की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य की कारागृहों पर बाहरी सुरक्षा हेतु तैनात आरएसी (13वीं बटा.) का मुख्य कार्य जेल की केवल बाहरी सुरक्षा है एवं जिनके वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाओं का भुगतान कारागार विभाग के मद से होता है, एवम् पदानुसार आरएसी (13वीं बटा.) के कॉन्स्टेबल का वेतन लेवल-05 (ग्रेड पे 2400), हैड कानि0 लेवल-08 (ग्रेड पे 2800), प्लाटून कमाण्डर लेवल-11 (ग्रेड पे 4200 ) व कम्पनी कमाण्डर लेवल-12 (ग्रेड पे 4800) का वेतन देय होता है एवं हार्ड ड्यूटी के रूप में मूल वेतन का 12 प्रतिशत भत्ता देय होता है, जबकि इसके विपरीत कारागृह कार्मिको को पदानुसार प्रहरी लेवल-03 (ग्रेड पे 1900), मुख्य प्रहरी लेवल-08 (ग्रेड 2800), उप कारापाल लेवल- 09 (ग्रेड पे 2800) व कारापाल लेवल-11 (ग्रेड पे 4200) देय होता है.

जेल कर्मियों पर कई अन्य जिम्मेदारी 

आरएसी (13वीं बटालियन.) का मुख्य कार्य जेल की केवल बाहरी सुरक्षा है. जबकि जेल कर्मियों का कार्य कारागृह की आन्तरिक व उप कारागृहों पर आन्तरिक व बाह्य सुरक्षा के साथ-साथ सुरक्षा, स्वालम्बन व सुधार एवं कारागृह प्रशासन है, जो आरएसी से कार्य आवंटन में कहीं अधिक व्यापक एंव विस्तृत है. ऐसे में जेल कार्मिकों के वेतन व भत्ते एक शिक्षक के बराबर होने चाहिए जबकि वास्तविकता में कार्मिकों के वेतन व भत्ते बहुत ही कम है. जबकि वर्ष 1998 से पूर्व राजस्थान कारागार अधिनस्थ सेवा व राजस्थान पुलिस अधिनस्थ सेवा का वेतनमान श्रंखला व ग्रेडपे एकसमान थे.

Trending news