ईआरसीपी को लेकर गजेन्द्र सिंह शेखावत के बयान पर पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने किया पलटवार
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ईआरसीपी को लेकर गजेन्द्र सिंह शेखावत के बयान पर पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने किया पलटवार

 मीणा ने कहा केन्द्र सरकार में गजेंद्र सिंह को कोई पूछ नहीं रहा. इसी हताशा में वो इस तरह के बयान दे रहे हैं. मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये हास्यास्पद बात है कि राजस्थान के जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत केन्द्र में जलशक्ति मंत्री हैं लेकिन आज तक उन्होंने राजस्थान के लिए पानी की एक छोटी योजना तक भी शुरू नहीं की. 

पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने किया पलटवार

Jaipur : मीणा ने कहा केन्द्र सरकार में गजेंद्र सिंह को कोई पूछ नहीं रहा. इसी हताशा में वो इस तरह के बयान दे रहे हैं. मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये हास्यास्पद बात है कि राजस्थान के जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत केन्द्र में जलशक्ति मंत्री हैं लेकिन आज तक उन्होंने राजस्थान के लिए पानी की एक छोटी योजना तक भी शुरू नहीं की. यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं हो रही है. इसी की हताशा में वो इस तरह के बयान दे रहे हैं. 

आज गजेन्द्र सिंह शेखावत कह रहे हैं कि ईआरसीपी की डीपीआर सही नहीं है जबकि ईआरसीपी की  डीपीआर तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2017 में केन्द्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के माध्यम के तैयार करवाई गई थी. वेप्कोस लिमिटेड जल सम्बधी परियोजना के क्षेत्र में एक अंतरर्राष्ट्रीय कन्सलटेन्सी संस्था है. परियोजना की  डीपीआर उस समय राजस्थान रिवर बेसिन ऑथिरिटी के चैयरमेन श्रीराम वेदिरे की देखरेख में बनाई गयी थी. 

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वर्तमान में श्रीराम वेदिरे केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय में सलाहकार भी हैं. गजेन्द्र सिंह शेखावत को अपने सलाहकार से पूछना चाहिए कि उनकी डीपीआर सही है या नहीं. मेरा शहर करौली पानी के मामले में बेहद पिछड़ा हुआ है. ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा देने के वादे से मुकरने के बाद करौली की जनता में बेहद गुस्सा है. ईआरसीपी पर हमारे जिले के युवा ऐसी बातों को सुनकर आक्रोशित होते हैं. हमारे सांसद इस योजना पर कुछ नहीं कर रहे हैं. 

हर बात पर धरना प्रदर्शन करने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा एआरसीपी पर केन्द्र सरकार और गजेन्द्र सिंह शेखावत के खिलाफ धरना क्यों नहीं देते हैं, या उन्हें पद की ऐसी लालसा हो गई है कि करौली, दौसा, सवाई माधोपुर की जनता प्यासी रहे. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. ईआरसीपी पर जिस तरह की बातें ये लोग कर रहे हैं उससे ये तो तय है, जिस प्रकार 2018 में करौली में भाजपा साफ हुई थी, उसी प्रकार 2023 में भी साफ होगी. 

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