Papmochani Ekadashi 2023 Do's And Don'ts: पापमोचनी एकादशी 18 मार्च यानी कल है. लेकिन इनके नियमों का पालन आज से ही शुरू हो जाता है. व्रत करने वाले भक्त या जातक आज से विशेष नियम करने लग जाते है.
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Papmochani Ekadashi 2023 Do's And Don'ts: पापमोचनी एकादशी 18 मार्च यानी कल है. लेकिन इनके नियमों का पालन आज से ही शुरू हो जाता है. व्रत करने वाले भक्त या जातक आज से विशेष नियम करने लग जाते है. पापमोचनी एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. ये एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति के लिए किया है. इसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहा जाता है.
हिंदू धर्म के अनुसार, हर एकादशी व्रत का अलग-अलग महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है. कहा गया है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसे उसके पापों से मुक्ति प्राप्त कर भगवान श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त करता है.इस दिन कुछ बातों का विशेष ख्याल रखे तो भक्त को विष्णु जी का विशेष कृपा मिलती है साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इनके घर में खुशहाली के साथ धन वैभव आता है. आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी पर किन बातों को ख्याल रखें.
पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन व्रत करना काफी फलदायी होता है. इस पूजा में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी विष्णु जी के चरणों के निकट बैठती हैं. इसलिए भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन व्रत करने वाले के घरों में खानें में लहसुन प्याज का भी सेवन ना करें. साथ ही सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. इस दिन चावल नहीं खाने चाहिए और ना ही घरों में बनाएं.
एकादशी के दिन किसी भी तरह के गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वाणी में मधुरता रखने से भगवान प्रसन्न रहते हैं. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
एकादशी के दिन दान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य करें. जरुकतमंदों को दान अवश्य देना चाहिए.
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एकादशी के पावन दिन भगवान विष्णु को भोग अवश्य लगाये. उनके भोग में तुलसी का इस्तेमाल जरूर करें. भोग में पीले वस्तुओं को शामिल करें. फल में केला,लड्डू सीजनल फल, पीले वस्त्र जरूर चढाएं.
इस दिन भगवान विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इस दिन रात्रि जागरण कर पूरी रात श्री हरि की आराधना करनी चाहिए.
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