गुलाबी शहर' मनाएगा अपना जन्मदिन, 294 साल का कल होगा जयपुर
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गुलाबी शहर' मनाएगा अपना जन्मदिन, 294 साल का कल होगा जयपुर

जयपुर यानि पिंकसिटी (Pink City) का कल 294वां हैप्पी बर्थडे (Jaipur Birthday) हैं. विरासत और विकास की जुगलबंदी जो इस शहर में है.

फाइल फोटो

Jaipur: जयपुर यानि पिंकसिटी (Pink City) का कल 294वां हैप्पी बर्थडे (Jaipur Birthday) हैं. विरासत और विकास की जुगलबंदी जो इस शहर में है, शायद ही कहीं और हो. जयपुर को बसाने वाले सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) द्वितीय रहे, जिन्होंने 18 नवम्बर, 1727 को स्थापना की. इस शहर की नींव रखने वाले महाराजा जय सिंह ने एक ऐसे शहर की कल्पना थी, जो न सिर्फ स्थापत्य कला की दृष्टि से बेहतरीन हो बल्कि कला, संस्कृति और फैशन की राजधानी कही जाने वाली पेरिस को भी टक्कर दे सके. जयपुर (Jaipur news) को पूर्व के पेरिस के नाम से भी जाना जाता है.

जयपुर कच्छवाहा वंश की राजधानी रहा है. इसकी स्थापना से लेकर आजादी तक कई शासकों ने जयपुर के विकास में अपनी-अपनी सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दिया. आजादी के बाद जयपुर ने जबर्दस्त तरक्की की. आज यह शहर यूनेस्को वर्ल्ड हरिटेज की सूची में शामिल है. महाराजा जयसिंह द्वितीय ने जयपुर शहर की स्थापना बड़ी दूरदर्शिता के साथ की थी. शहर की स्थापना के समय ही यहां चौड़ी-चौड़ी सड़कें रखी गई थी. ये सड़कें आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. पहले शहर को चारदीवारी के अंदर यानि कि परकोटे में बसाया गया था लेकिन वक्त के साथ-साथ बढ़ती आबादी के कारण शहर परकोटे से बाहर निकलकर आज कई किलोमीटर दूरी तक फैल गया है.

करीब 294 साल में जयपुर ने आधुनिक रूप ले लिया है. अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए विश्वप्रसिद्ध जयपुर को 'जैपर' के नाम से भी जाना जाता है. हर साल 18 नवंबर को जयपुर का स्थापना दिवस मनाया जाता है. हालांकि इस बार कोविड-19 के चलते बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं होंगे लेकिन परंपरा के तहत हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर मोतीडूंगरी गणेशजी और शहर के प्रवेश द्वार गंगापोल दरवाजे पर विराजमान गणेशजी की पूजा अर्चना के साथ जयपुर स्थापना दिवस समारोह- 2021 (Jaipur Foundation Day Celebrations- 2021) की शुरूआत करेगी. जयपुर स्थापना के समय चारदीवारी के भीतर एंट्री के लिए कई दरवाजे भी बनाए गए थे. वहीं तत्कालीन राजपरिवार के रहने के लिए सिटी पैलेस बनाया गया था. जयपुर जंतर-मंतर, हवामहल, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़, जयगढ़, आमेर महल, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़ समेत दर्जनों ऐसी धरोहर हैं, जो देशीऔर विदेशी पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षण का केन्द्र हैं.

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समय के साथ करवट लेता गुलाबीनगर
- 1727 में जयपुर की स्थापना हुई.
- 1872 में शहर के बाजारों में टिनशेड लगवाई (बरामदों की जगह)
- 1875 में सवाई रामसिंह ने शहर का गुलाबी रंग करवाया. इससे पहले का शहर सफेद रंग था. वर्ष 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स (एडवर्ड सप्तम) जयपुर आए थे, उससे पहले शहर का रंग गुलाबी करवाया गया.
- 1942 में महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय और तत्कालीन प्राइम मिनिस्टर सर मिर्जा इस्माइल ने जयपुर को आधुनिक रूप दिया. बाजारों के टिनशेड हटाकर बरामदें बनवाए और बाजारों को सुंदर बनाने के साथ उन्हें एकरूपता दी. आजादी के बाद धीरे-धीरे बाजारों में अतिक्रमण होता गया और बरामदे बंद होते गए.
- 2000 में ऑपरेशन पिंक के दौरान शहर के बरामदों को खाली करवाया गया.
-2019 में जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का तमगा मिला.

जयपुर शहर के लिए कहा जाता है कि 'जयपुर शहर नगीना, नीचे माटी ऊपर चूना'. गुलाबी नगर जयपुर और इसका इतिहास, जयपुर के फेसम बाजार और यहां की ऐतिहासिक इमारतें. यही खास आकर्षण देशी-विदेशी पर्यटकों को जयपुर खींच लाता है. यहां की कला संस्कृति, खानपान आज भी विश्व पटल पर अपनी अलग अहमियत रखता है. 10 सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल जयपुर 294 साल का हो गया है लेकिन आज भी इसकी विरासत अपनी कहानी खुद कहती नजर आती है. विश्व मानचित्र पर ऐतिहासिक नगरी में शामिल गुलाबी नगरी 294 साल की हो गई है. इस दौरान शहर ने कई बदलाव देखे हैं लेकिन इन बदलावों के बीच भी आज यहां के किले, बावड़ियां, चौपड़ें, चौकड़ियां और दरवाजे शहर की धरोहर को बरकरार रखे हुए हैं.

इसी का नतीजा है कि 2019 में जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का तमगा भी मिला और आधुनिक दौर में पिंक सिटी अब मेट्रो सिटी भी बन गई है. पीढ़ियों से यहां बसे लोगों की मानें तो जयपुर शहर काफी बदल गया है. जयपुर वास्तुकला के दृष्टिकोण से एक नायाब शहर है. जयपुर ज्योतिष और संस्कृति की नगरी है. जयपुर की जंतर-मंतर वेद्यशाला इसका जीवंत उदाहरण है. सवाई जयसिंह ने ज्योतिष के इतिहास को नया मोड़ देते हुए देशभर में जयपुर के साथ 5 यंत्रशाला बनाई. इनमें दिल्ली, उज्जैन, काशी और मथुरा शहर शामिल हैं. जतंर-मंतर पर ज्योतिष से जुड़ी हर सटीक जानकारी उपलब्ध होती है. जयपुर विश्व का पहला शहर है, जिसका नक्शा पहले बना और स्थापना बाद में हुई. विद्याधर चक्रवर्ती इसके मुख्य अधिशांषी अभियंता थे, जिन्होंने नक्शा तैयार किया. इसके आधार पर जयपुर का निर्माण हुआ और नक्शे के आधार पर बसा विश्व का पहला शहर बना. अब स्मार्ट सिटी और मेट्रो सिटी (Metro City) के नाम पर शहर को बरबाद कर रहे हैं. करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन शहर के स्वरूप को बिगाड़ना गलत है.

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पिछले कुछ सालों से जयपुर में मेट्रो संस्कॄति के दर्शन होने लगे हैं. चमचमाती सडकें, बहुमंजिला शापिंग माल, आधुनिकता को छूती आवासीय कॉलोनियां आदि महानगरों की होड़ करती दिखती हैं. पुराने जयपुर और नए जयपुर में नई और पुरानी संस्कॄति के दर्शन, जैसे इस शहर के विकास और इतिहास दोनों को स्पष्ट करते हैं. जयपुर कितना भी बदले पर इसके व्यंजनों का जायका बदस्तूर कायम है. जयपुर के व्यंजन अनगिनत हैं. 

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