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Jaipur: जयपुर के जमवारामगढ़ में जिला कलक्टर राजन विशाल के आदेशानुसार आयोजित हुई पंचायत स्तरीय जनसुनवाई मजह कागजी खानापूर्ति बन कर रह गई. जनसुनवाई को प्रभावी बनाने के लिए मॉनीटरिंग के लिए लगाए गए अधिकारी भी ग्राम पंचायतों में नहीं पहुंचे, ऐसे में आमजन की समस्या के पंचायत स्तर पर समाधान के लिए आयोजित की गई जनसुनवाई केवल कागजों में सिमट कर रह गई. जानकारी के अनुसार जिला कलक्टर के आदेशों की पालना में एसडीएम चिमनलाल मीणा ने 1 जून को जमवारामगढ व आंधी पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे पंचायत स्तरीय जनसुनवाई का कार्यक्रम जारी किया था.
एसडीएम कि ओर से जारी किए गए जनसुनवाई कार्यक्रम की सरपंच व पंचायत प्रशासन को जानकारी नहीं होने से इसका प्रचार प्रसार नहीं हो सका और सूचना के अभाव में ग्रामीण अपनी फरीयाद लेकर पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच सके. इसके अलावा आंगनबाड़ी, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, जलदाय विभाग, चिकित्सा विभाग, विद्युत निगम सहित सम्बंधित पंचायत स्तर के कर्मचारी भी जनसुनवाई से नदारद रहें.
यहां रही कागजी खानापूर्ति
धौला आईटी केन्द्र पर 3.46 बजे सरपंच, पंचायत सहायक, पशुधन सहायक व कृषि पर्यवेक्षक मौजूद थे, बोबाड़ी आईटी केन्द्र पर दोपहर 3.32 बजे एलडीसी, दो पंचायत सहायक व पटवारी मौजूद थे. इसके अलावा जयचंदपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 3.20 बजे ग्राम विकास अधिकारी, सरपंच, एलडीसी के अलावा दो ग्रामीण सभा भवन में आराम करते नजर आए, गठवाड़ी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 4.05 बजे सरपंच, एलडीसी व पंचायत सहायक कर्मचारियों व ग्रामीणों की बांट जोहते नजर आए. पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली जनसुनवाई में ब्लॉक स्तर का अधिकारी आना चाहिए था लेकिन सूचना के अभाव में कर्मचारी व ग्रामीण भी नहीं पहुंच पाये.
जमवारामगढ़ एसडीओ चिमनलाल मीणा ने कहा कि जनसुनवाई कार्यक्रम की सभी को सूचना दे दी गई थी, नदारद कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी. जयचंदपुरा के सरपंच हरिनारायण यादव ने बताया कि दोपहर 3 बजे जनसुनवाई की सूचना मिली थी लेकिन समय पर जानकारी मिलती तो ग्रामीणों को सूचना देते. जनसुनवाई को लेकर सरपंचों ने आरोप लगाया है कि समय पर सूचना नहीं मिलने से ग्रामीणों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच सकी, सरपंचों ने ग्राम पंचायत में दुबारा जनसुनवाई आयोजित करवाने की मांग की है.
Reporter - Amit Yadav