Rajasthan Roadway: राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों की माने तो राजस्थान रोडवेज में इसी माह करीब 1500 बसें कंडम हो रही हैं. बसों की कमी के चलते रोडवेज के हालात ओर खस्ताहाल तो होंगे हर महीने राजस्व में भी कमी आने से नुकसान हो रहा है.
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Rajasthan Roadway News: प्रदेश की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली रोडवेज की बसें लगातार बेडे से कम हो रही है. बसों की संख्या में कमी होने से रोडवेज कर्मचारियों को समय पर वेतन,पेंशन सहित अन्य लाभ नहीं मिल पा रहे हैं. 31 मार्च तक रोडवेज की 1500 बसें कंडम घोषित कर दी गई है.इसके बाद से प्रदेश के गांव-शहर रूटों पर बसों का संचालन बंद कर दिया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं का लाभ आमजन को कैसे मिलेगा.
फरवरी 2020 में रोडवेज बेडे में 3193 खुद की बसें थी और 958 अनुबंधित बसों सहित कुल 4251 बसें रूट पर संचालित हो रही थी.अब धीरे-धीरे रोडवेज बेडे से बसों की संख्या में कमी होती जा रही है. वर्तमान की बात करे तो अब रोडवेज बेडे में 2886 बसें खुद की है तो 804 बसें अनुबंधित होने पर कुल 3690 बसें ही रोडवेज बेडे से संचालित किया जा रहा है. लगातार बसों की कमी के चलते रोडवेज में 302 शेड्यूल बसें बंद कर दिया गया है. जिन रूटों की बसें बंद होने से प्रदेशवासियों को रोडवेज से मिलने वाली यात्री सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
रोडवेज प्रशासन ने हाल ही में 590 नई बसें खरीदने के लिए बीड निकाली है,जो कि रोडवेज के लिए नाकाफी होगी. अभी और बसों की संख्या बढाने की आवश्यकता होगी जिससे मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं का लाभ प्रदेशवासियों को मिल सके.
राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों की माने तो राजस्थान रोडवेज में इसी माह करीब 1500 बसें कंडम हो रही हैं. बसों की कमी के चलते रोडवेज के हालात ओर खस्ताहाल तो होंगे हर महीने राजस्व में भी कमी आने से नुकसान हो रहा है. बसें कंडम होने के बाद रोडवेज को करीब 2596 नई बसों की आवश्यकता बढ गई है.सरकार नई ओर बसों को बेड़े में शामिल कर रोडवेज यात्रियों को सुचारू सुविधा दे.
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रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो
1 से 31 जनवरी तक 93.7 प्रतिशत यात्री- 401.12 लाख किमी.- 16016 लाख का राजस्व
1 से 28 फरवरी तक 111.5 प्रतिशत यात्री- 364.67 लाख किमी.- 17431 लाख का राजस्व
1 से 31 मार्च तक 99 प्रतिशत यात्री- 384.63 लाख किमी.- 16282 लाख का राजस्व
राजस्थान रोडवेज में वर्तमान में सबसे ज्यादा यात्री भार बीकानेर संभाग में है. बता दें कोरोना के बाद 302 शेड्यूल का संचालन बंद कर दिया गया है. इनमें सबसे ज्यादा जयपुर संभाग में 55 रूटों का संचालन बंद किया गया है.
रोडवेज से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार ने हाल ही में बजट में 1000 बसों को सर्विस मॉडल पर लाने की घोषणा की है. सर्विस मॉडल क्या है यह रोडवेज प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है. इसको लेकर रोडवेज प्रशासन सरकार से मार्गदर्शन भी मांग रहा हैं.