Rajasthan- 20 महीने के ह्रदयांश को बचाने के लिए मदद की दरकार, 17 करोड़ के इंजेक्शन से बच सकती है जान
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Rajasthan- 20 महीने के ह्रदयांश को बचाने के लिए मदद की दरकार, 17 करोड़ के इंजेक्शन से बच सकती है जान

Rajasthan: 20 महीने का ह्रदयांश इस वक्त जिंदगी की जंग लड़ रहा है. वह एक खतरनाक बीमारी  'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' की चपेट में है. उसी के इलाज के लिए परिजनों की ओर से मदद की गुहार भी की जा रही है. उसके पास चार महीने का समय ही बचा है.

Hridyansh Save Life

Rajasthan: देश विदेश में कई खतरनाक बीमारियों के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन ऐसी ही एक बीमारी से अलवर का मासूम झूझ रहा है.अलवर  के ह्रदयांश एक  खतरनाक बीमारी ने जकड़ लिया है. जिसके लिए इसके माता पिता मदद की दरकार कर रहे है.उसका इलाज करवाने के लिए लगभग 17 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरुरत है। 

बता दें कि, ह्रदयांश का परिवार मिडिल क्लास से संबंध रखता है. उसके माता पिता के लिए इतने पैसों का इंतजाम करना बेहद मुश्किल है. ह्रदयांश का परिवार अलवर जिले के कठूमर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मसारी का रहने  वाला है. उसके पिता राजस्थान पुलिस में सब- इंस्पेक्टर के पद पर है. ह्रदयांश 1 साल  8 महीने का बच्चा है, जो इस वक्त जिंदगी की जंग लड़ रहा है. उसे एक खतरनाक बीमारी  'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' की चपेट में है.  उसी के इलाज के लिए परिजनों की ओर से मदद की गुहार भी की जा रही है.जिससे मासूम ह्रदयांश की जान बचाई जा सके।

बीमारी का पता चला तो उड़ गई नींद

राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर डीग जिले के पहाड़ी में पोस्टेड नरेश शर्मा का कहना है कि, जब ह्रदयांश 20 महीने का होने पर भी चलने नहीं लगा तो, माता पिता ने उसका इलाज करवाना शुरू किया.जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में जांच करवाने पर इस अनुवांशिक बीमारी का पता चला तो माता पिता और परिजनों की नींद उड़ गई.अब परिवार की आर्थिक हालात इतनी ठीक नहीं है कि इस मासूम को लगने वाले इंजेक्शन, जिसकी कीमत करीब साढ़े 17 करोड़ रुपये है वहन कर सके.मासूम के पिता के पास केवल सरकारी तनख्वाह के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

4 महीने का बचा समय

इस मासूम के जीवन को लेकर परिजनों को स्वयंसेवी संगठनों, राज्य सरकार केन्द्र सरकार से ही उम्मीद बची है.क्योंकि चिकित्सकों के अनुसार अगर चार महीने में यह इंजेक्शन मासूम ह्रदयांश के नहीं लगा तो धीरे धीरे फेफड़ों में और पुरे शरीर में इस बिमारी का फैलना शुरू हो जाएगा.दूसरी ओर माता पिता को ईश्वर से भी अपने बेटे के जीवनदान की आशा है.जिसको लेकर परिवार वालों ने पंडितों द्वारा घर पर महामृत्युंजय मंत्र जाप हवन भी शुरू कराया है .मासूम ह्रदयांश के एक 6 साल की बहन हैं जो अपने भाई के ठीक होने की अपील प्रार्थना करती हैं .ह्रदयांश की मां क्षमा शर्मा की आंखों के आंसू निकलते बंद नहीं हो रहें हैं.अब आम लोगों की मदद ही बच्चे की जान बचा सकती है।

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