Rajasthan ACB: राजस्थान एसीबी के नए एडीजी के आदेश पर बीजेपी ने पलटवार किया है. भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए भ्रष्टाचारियों को बचाने का अवसर देने का आरोप लगाया है. शर्मा ने सरकार से मांग की है कि इस आदेश को तुरंत वापस करवाए.
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Rajasthan ACB: राजस्थान एसीबी के नए मुखिया हेमंत प्रियदर्शी ने ट्रेप होने वाले घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं करने के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश का पता चलने के बाद बीजेपी ने घूसखोरों को बचाने की कोशिश का आरोप लगाया है.
बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस में एसीबी एडीजी का यह फरमान किसी भी रूप में सही नहीं है. घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा तो घूस लेने वाले में डर नहीं होगा. हमारा सामाजिक ताना बाना ऐसा कि व्यक्ति को गलत रास्ते पर जाने और नाम उजागर होने की आशंका के डर से ही अपराध से बचता है.
ऐसे में राजस्थान एसीबी घूसखोर की वास्तविकता सामने नहीं लाएगी तो घूसखोरों में भय नहीं रह पाएगा. सरकार को यह आदेश तत्काल रूप से वापस लेनेा चाहिए. इसके साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश के सारे उपाय करने चाहिए.
गौरतलब है कि एडीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी जिन्हें आज ही डीजी का अतिरिक्त चार्ज मिला है. उन्होंने आदेश जारी कर राजस्थान एसीबी मुख्यालय से जारी होने वाली आधिकारिक जानकारी में घूसखोर का नाम, ना ही जारी होंगे फ़ोटो और वीडियो जारी करने के निर्देश दिए हैं.
उनके इस निर्णय को लेकर पुलिस महकमें जबरदस्त चर्चा है. हालांकि उनकी ओर से इस तरह नाम सार्वजनिक करने को लेकर लगाई गई रोक की मशा पर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. जानकारों का कहना है कि नाम सार्वजनिक नहीं होगा तो लोगों को पता नहीं चल पाएगा कि कौन सा अधिकारी भ्रटाचारी है. इससे दूसरों को भी सबक नहीं मिल पाएगा.
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